Bharat vs India: सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा बीजेपी बदले अपना नाम, दिया यह सुझाव
Bharat vs India: भारत और इंडिया नाम के मुद्दे पर ज्यादातर बीजेपी नेताओं ने कहा है कि इंडिया नाम अंग्रेजों ने अपने शासनकाल के दौरान देश को दिया था. उनका कहना है कि अंग्रेजों का दिया गया नाम गुलामी की मानसिकता को दर्शाता है.
हाइलाइट
- देश का नाम बदले जाने पर राजनीति घमासान छिड़ चुका है.
- इंडिया से भारत करने की कवायद का समर्थन में हैं भाजपा नेता.
- अखिलेश यादव ने बीजेपी को अपना नाम बदलने का सलाह दिया है.
Bharat vs India: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित होने वाले तीन दिवसीय जी20 की तैयारी जोरो-शोरों पर चल रही है. यह कार्यक्रम 8 से 10 सितंबर तक चलेगा. जिसको लेकर पिछले लंबे समय से सरकार हर तरह की तैयारियों में लगी हुई है. इसी कार्यक्रम से पहले सामने आए राष्ट्रपति के डिनर निमंत्रण पर 'प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया' की जगह 'प्रेसिडेंट ऑफ भारत' लिखा होने पर देश का नाम बदले जाने पर राजनीति तेज हो गई है. इसे लेकर पूरा विपक्ष केंद्र सरकार का विरोध करते हुए बीजेपी पर संविधान बदलने का आरोप लगा रहे हैं. देश का नाम बदले जाने की चर्चाओं के बीच अब समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने बीजेपी को अपना नाम बदलने की सुझाव दे दिया है.
दरअसल, भारत और इंडिया नाम के मुद्दे पर ज्यादातर बीजेपी नेताओं ने कहा है कि इंडिया नाम अंग्रेजों ने अपने शासनकाल के दौरान देश को दिया था. उनका कहना है कि अंग्रेजों का दिया गया नाम गुलामी की मानसिकता को दर्शाता है. ऐसे में वह नाम बदलने की कवायद का समर्थन कर रहे हैं. इसी बीच सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए बीजेपी को उसके नाम से अंग्रेजी भाषा के शब्द 'पार्टी' को निकालकर 'दल' किए जाने की सलाह दे डाली है.
वैसे तो भाषाओं का मिलन और परस्पर प्रयोग बड़ी सोच के लोगों के बीच मानवता और सौहार्द के विकास का प्रतीक माना जाता है फिर भी अगर संकीर्ण सोचवाली भाजपा और उसके संगी-साथी किसी भाषा के शब्द को गुलामी का प्रतीक मानकर बदलना ही चाहते हैं तब तो सबसे पहले भाजपा को भी अपना एक विशेष सत्र…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 7, 2023
अखिलेश ने बीजेपी को इस नाम का दिया सुझाव
बीजेपी को नाम बदलने का सुझाव देते हुए अखिलेश यादव ने अपने आधिकारिक एक्स (ट्विटर) अकाउंट से पोस्ट करते हुए लिखा कि 'वैसे तो भाषाओं का मिलन और परस्पर प्रयोग बड़ी सोच के लोगों के बीच मानवता और सौहार्द के विकास का प्रतीक माना जाता है, फिर भी अगर संकीर्ण सोचवाली भाजपा और उसके संगी-साथी किसी भाषा के शब्द को गुलामी का प्रतीक मानकर बदलना ही चाहते हैं तब तो सबसे पहले भाजपा को भी अपना एक विशेष सत्र बुलाना चाहिए और अपने नाम में से अंग्रेज़ी का शब्द ‘पार्टी’ हटाकर स्वदेशी परंपरा का शब्द ‘दल’ लगाकर अपना नाम भाजपा से भाजद कर देना चाहिए.'
बीजेपी का विरोध कर रही हैं विपक्षी पार्टियां
सोशल मीडिया एक्स पर इस पोस्ट के साथ अखिलेश यादव ने हैशटैग करते हुए 'नहीं चाहिए भाजद' लिखा है. आपको बता दें कि अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश में विपक्ष के नेता हैं और वह अक्सर बीजेपी का विरोध करते नजर आते हैं. गौरतलब है कि मौजूदा समय में देश का नाम 'इंडिया' से बदलकर 'भारत' किए जाने को लेकर राजनीतिक जंग छिड़ चुका है. बीजेपी के इस एक्शन को विपक्षी पार्टियां विरोध करती नजर आ रही हैं.