तेजस्वी में समाई पित्रोदा की आत्मा, चीनी वर्जन पर क्या बोले CM सरमा

Counter Allegations: तेजस्वी यादव ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को योगी का चीनी संस्करण करार दिया और आरोप लगाते हुए कहा कि वे मुसलमानों को परेशान कर रहे हैं. इस बयान पर सरमा ने जवाब में कहा कि वे व्यक्तिगत हमलों से प्रभावित नहीं होंगे और अपना काम जारी रखेंगे. बीजेपी ने तेजस्वी की आलोचना की है और इसे असंवैधानिक बताया. इस बीच दोनों पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति जारी है.

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Counter Allegations: तेजस्वी यादव ने हाल ही में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर तीखा हमला किया था. तेजस्वी ने सरमा को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का 'चीनी संस्करण' करार दिया. उनका कहना था कि सरमा जानबूझकर मुसलमानों को परेशान कर रहे हैं ताकि वे सस्ती लोकप्रियता हासिल कर सकें. तेजस्वी का आरोप है कि भाजपा के नेता नफरत फैलाकर और समाज को बांटकर मोदी और शाह का ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं.

तेजस्वी ने बिसवा पर आरोप 

तेजस्वी ने असम विधानसभा में जुम्मा की नमाज के लिए दो घंटे के ब्रेक को खत्म करने के सरमा के फैसले पर भी हमला किया. उन्होंने कहा कि असम के मुख्यमंत्री केवल खबरों में बने रहने के लिए इस तरह के कदम उठा रहे हैं और देश में शांति और सौहार्द को बिगाड़ रहे हैं.

व्यक्तिगत आरोपों से प्रभावित नहीं होंगे: सरमा

तेजस्वी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि लोगों की टिप्पणियों से उनका काम नहीं रुकेगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी प्राथमिकता काम को आगे बढ़ाना है, ना कि व्यक्तिगत आरोपों का जवाब देना. सरमा का कहना है कि उनका काम और नीतियां लोगों की भलाई के लिए हैं और वे इस पर ध्यान केंद्रित करेंगे. 

सैम पित्रोदा की आत्मा से तुलना

बीजेपी ने तेजस्वी के बयान की आलोचना की है. पार्टी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि तेजस्वी का बयान असम के मुख्यमंत्री के खिलाफ अनुचित और असंवैधानिक है. इसके साथ ही उन्होंने सवाल उठाया कि, क्या सैम पित्रोदा की आत्मा तेजस्वी में समा गई है जो संविधान का अपमान करने और हर व्यक्ति का सम्मान करने की आदत बना चुके हैं.

तेजस्वी का हमला और बीजेपी की प्रतिक्रिया इस बात को दर्शाती है कि राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला चलता रहता है. दोनों पक्षों के बयान इस मुद्दे पर अलग-अलग दृष्टिकोण को उजागर करते हैं जिससे यह स्पष्ट होता है कि राजनीति में व्यक्तिपरक टिप्पणियां और नीतिगत भिन्नताएं कितनी गहराई से जुड़ी होती हैं.

First Updated : Sunday, 01 September 2024