PM मोदी की यात्रा के बाद अमेरिका ने भारत को वापस किए 105 पुराशेष, 8 साल में 278 कलाकृतियां सौंपी

भारत के महावाणिज्य दूतावास ने बताया, जून में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की संयुक्त राज्य अमेरिका की ऐतिहासिक राजकीय यात्रा के अनुवर्ती के रूप में, आज न्यूयॉर्क में भारतीय वाणिज्य दूतावास में अमेरिकी पक्ष द्वारा सौंपे गए 105 तस्करी वाले पुरावशेषों के लिए एक प्रत्यावर्तन समारोह आयोजित किया गया था

calender

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अमरेका की यात्रा कुछ दिन पहले यानी जून के महीनें मे की थी. उनकी यात्रा के बाद दूसरी-तीसरी शताब्दी ईस्वी से लेकर 18वीं-19वीं शताब्दी ईस्वी तक कुल 105 पुरावशेषों को अमेरिकी अधिकारियों द्वार भारत भेजा जा रहा है. पुरावशेषों को जल्द ही भारत ले जाया जाएगा. 105 कलाकृतियाँ भारत में उनकी उत्पत्ति के संदर्भ में व्यापक भौगोलिक विस्तार का प्रतिनिधित्व करती हैं. लगभग 50 कलाकृतियाँ धार्मिक विषयों (हिंदू धर्म, जैन धर्म और इस्लाम) से संबंधित हैं और बाकी सांस्कृतिक महत्व की हैं.

भारत के महावाणिज्य दूतावास ने बताया, "जून में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की संयुक्त राज्य अमेरिका की ऐतिहासिक राजकीय यात्रा के अनुवर्ती के रूप में, आज न्यूयॉर्क में भारतीय वाणिज्य दूतावास में अमेरिकी पक्ष द्वारा सौंपे गए 105 तस्करी वाले पुरावशेषों के लिए एक प्रत्यावर्तन समारोह आयोजित किया गया था. पुरावशेषों को जल्द ही भारत ले जाया जाएगा. 105 कलाकृतियाँ भारत में उनकी उत्पत्ति के संदर्भ में व्यापक भौगोलिक विस्तार का प्रतिनिधित्व करती हैं. लगभग 50 कलाकृतियाँ धार्मिक विषयों (हिंदू धर्म, जैन धर्म और इस्लाम) से संबंधित हैं और बाकी सांस्कृतिक महत्व की हैं.

भारत के राजदूत ने ट्वीट किया, "5 भारतीय पुरावशेष स्वदेश लौटेंगे! आज सुबह न्यूयॉर्क में एक समारोह में भाग लेने से खुशी हुई, जो पीएम मोदी की राजकीय यात्रा के बाद भारतीय कलाकृतियों की बहाली का प्रतीक है. सांस्कृतिक संपत्ति की सुरक्षा और आदान-प्रदान में अमेरिका द्वारा दिए गए सहयोग की सराहना करता हूं."

 

इस अवसर पर बोलते हुए, संयुक्त राज्य अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने अमेरिकी पक्ष, विशेष रूप से मैनहट्टन जिला अटॉर्नी, एल्विन ब्रैग और उनकी तस्करी विरोधी इकाई और होमलैंड सुरक्षा जांच टीम को उनके शानदार सहयोग और समर्थन के लिए धन्यवाद दिया. तरनजीत सिंह संधू कहते हैं, ''भारत के लोगों के लिए, ये सिर्फ कला के टुकड़े नहीं बल्कि उनकी जीवित विरासत और संस्कृति का हिस्सा थे.''

First Updated : Monday, 17 July 2023