नारियल और कोल्ड ड्रिंक के साथ 'सेंटिनल आइलैंड' पहुंचा अमेरिकी नागरिक, किया गिरफ्तार- जानिए क्या हुआ फिर?
एक अमेरिकी युवक ने भारत के सबसे खतरनाक और प्रतिबंधित द्वीप, उत्तरी सेंटिनल द्वीप पर घुसने की कोशिश की. नारियल और कोल्ड ड्रिंक लेकर वो द्वीप पर पहुंचा लेकिन उसकी यह कोशिश पुलिस के ध्यान में आ गई और उसे गिरफ्तार कर लिया गया. इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि सेंटिनेलिस जनजाति के इलाके में घुसना कितना खतरनाक और अवैध है. जानें क्या था उसका प्लान और कैसे उसे पकड़ लिया गया! पूरी खबर जानने के लिए पढ़ें.

Trending Story: भारत के अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में स्थित उत्तरी सेंटिनल द्वीप, जिसे "दुनिया का सबसे अलग-थलग और खतरे से भरा द्वीप" माना जाता है एक बार फिर सुर्खियों में है. हाल ही में, एक अमेरिकी नागरिक ने इस द्वीप पर अवैध रूप से घुसने की कोशिश की, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. इस व्यक्ति का नाम मिखाइलो विक्टरोविच पोल्याकोव है, और उसने अपनी यात्रा के दौरान कुछ बेहद खतरनाक कदम उठाए.
कौन है मिखाइलो विक्टरोविच पोल्याकोव?
24 वर्षीय मिखाइलो, जो अमेरिकी नागरिक है, ने 26 मार्च को भारत के अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के पोर्ट ब्लेयर पहुंचने के बाद उत्तरी सेंटिनल द्वीप पर जाने की योजना बनाई. हालांकि इस द्वीप पर बाहरी लोगों का जाना पूरी तरह से प्रतिबंधित है, पोल्याकोव ने इस आदेश की अनदेखी करते हुए अकेले ही द्वीप की ओर रुख किया.
क्या हुआ द्वीप पर?
पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक, पोल्याकोव ने 29 मार्च को रात के एक बजे के आस-पास कुर्मा डेरा बीच से उत्तरी सेंटिनल द्वीप की ओर अपनी यात्रा शुरू की. उसने अपनी यात्रा के दौरान एक नारियल और कोला का कैन साथ लिया था, जिसे उसने सेंटिनेलस जनजाति को 'प्रसाद' के रूप में देने की योजना बनाई थी. सुबह के 10 बजे तक वह द्वीप के उत्तर-पूर्वी तट तक पहुँच चुका था. वहां उसने दूरबीन का इस्तेमाल करते हुए इलाके का सर्वेक्षण किया और एक घंटे तक समुद्र के पास रहा, कोशिश की कि किसी तरह वह द्वीपवासियों का ध्यान आकर्षित कर सके. लेकिन जैसे ही उसने सीटी बजाकर अपनी उपस्थिति को जाहिर किया, पोल्याकोव कुछ देर के लिए द्वीप पर उतरने में सफल हो गया. हालांकि, बाद में वह वापस कुर्मा डेरा बीच पर लौट आया, जहां स्थानीय मछुआरों ने उसे देखा और अधिकारियों को सूचना दी.
जांच और गिरफ्तारियां
इस घटना के बाद पोल्याकोव को अपराध जांच विभाग (CID) ने हिरासत में ले लिया. जांच में पता चला कि पोल्याकोव ने अपनी यात्रा की पूरी योजना सावधानीपूर्वक बनाई थी. वह पूरी यात्रा के दौरान GPS नेविगेशन का इस्तेमाल कर समुद्र की स्थिति और कुर्मा डेरा बीच से द्वीप तक पहुंचने का रास्ता देख रहा था. अधिकारियों ने पोल्याकोव के खिलाफ भारतीय कानून के तहत FIR (प्रथम सूचना रिपोर्ट) दर्ज की है. उसे भारतीय विदेशी अधिनियम 1946 और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (आदिवासी जनजातियों का संरक्षण) संशोधन विनियमन, 2012 के तहत दोषी ठहराया गया है.
सेंटिनेलिस जनजाति और द्वीप की अहमियत
उत्तरी सेंटिनल द्वीप पर रहने वाले सेंटिनेलिस जनजाति के लोग पूरी तरह से बाहरी दुनिया से कटे हुए हैं. उनका जीवन आधुनिक युग से बहुत दूर है और वे किसी भी बाहरी व्यक्ति से संपर्क रखने में पूरी तरह से असहज महसूस करते हैं. उनका क्षेत्र अत्यधिक खतरनाक माना जाता है, और जब भी कोई बाहरी व्यक्ति उनके इलाके में घुसने की कोशिश करता है, तो वे हिंसक तरीके से जवाब देते हैं.
इससे पहले, तीन साल पहले एक अमेरिकी नागरिक ने इसी तरह की कोशिश की थी और सेंटिनेलिस जनजाति ने उसे कथित रूप से मार डाला था. यही कारण है कि सरकार ने इस द्वीप पर बाहरी लोगों के जाने पर कड़ी पाबंदी लगा रखी है.
यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि सेंटिनेल द्वीप पर प्रवेश करना न केवल अवैध है, बल्कि यह वहां रहने वाली जनजाति की सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा कर सकता है. मिखाइलो विक्टरोविच पोल्याकोव की घुसपैठ की कोशिश ने यह स्पष्ट कर दिया कि न केवल भारतीय कानून बल्कि इन आदिवासी समुदायों की संस्कृति और जीवनशैली की भी रक्षा करनी जरूरी है.