गृहमंत्री की दाढ़ी का राज! मिली थी कड़ी सजा, फिर भी क्यों नहीं माने अमित शाह?
Amit Shah Beard Fact: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में कई मंत्री है जो दाढ़ी रखते हैं. कुछ का ये फैशन है तो कुछ का ये क्षेत्रीय कल्चर. हालांकि, गृहमंत्री अमित शाह के लिए न तो ये कल्चर है और न ही ये फैशन है. अहमदाबाद में आयोजित कडवा पाटीदार समुदाय के एक कार्यक्रम में अमित शाह ने अपनी दाढ़ी को लेकर राज खोल दिए हैं. उन्होंने बताया कि उनका दाढ़ी के लिए सजा भी मिलती थी.
Amit Shah Beard Fact: दाढ़ी रखना कोई आज का फैशन नहीं है. सनातन काल से लोग दाढ़ी रखते आए हैं. हालांकि, कई बार इसे कुछ धर्म या जाति विशेष से जोड़ लिया जाता रहा है. अलग-अलग समय और मान्यता में दाढ़ी का आकार और प्रकार बदल जाता है. लोग इसे फैशन में रखते हैं लेकिन क्या आपको पता है हमारे गृहमंत्री अमित शाह दाढ़ी क्यों रखते हैं. इसे लेकर उन्होंने जनता के बीच खुलासा किया है. उन्होंने ये भी बताया कि दाढ़ी के चक्कर में उन्हें सजा भी मिलती थी. इसके बाद भी उन्होंने बदलाव नहीं किया और सजा भोगते रहे. आइये जानें क्या है पूरी कहानी और कौन देता था उन्हें सजा.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह अहमदाबाद में कडवा पाटीदार समुदाय के एक कार्यक्रम में पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने सभा को संबोधित किया है. कार्यक्रम में एक समय आया जब वो अपनी पुरानी बात बताने लगे. उन्होंने बताया कि कैसे दाढ़ी के चक्कर में उनका सजा होती थी और उन्होंने अपने टीचर को क्या कारण बताया था.
मिली थी सख्त सजा
कार्यक्रम में गृहमंत्री ने अपने कॉलेज के दिनों को याद किया. उन्होंने कहा कि मैं पढ़ाई करने के लिए यहां आया तो NCC ज्वाइन कर लिया. उस समय हमारे प्रशिक्षक नाटूभाई सर हुआ करते थे. वो अपने कड़े अनुशासन के लिए जाने जाते थे. सख्त मिजाज के थे. हालांकि, हर बात को उदारता से समझते थे और मानते भी थे. वो सभी के क्लीन-शेव लुक की वकालत करते थे.
गृहमंत्री मंत्री ने बताया कि वो मैं इस समय भी दाढ़ी रखता था. इसलिए उन्होंने परेड से पहले ही मुझे सजा दे दी. वो मुझे राइफल लेकर ग्राउंड के चार चक्कर लगवाने लगे. ऐसा रोजाना होता रहा. मैं अपनी सजा भुगतने के लिए पहले ही पहुंच जाता था ताकि परेड का समय खराब न हो.
बताया रखते हैं दाढ़ी
एक रोज अमित शाह से उनके प्रशिक्षक ने पूछा की तुम सिख नहीं हो फिर क्यों दाढ़ी नहीं बनाते हो. इसके लिए रोज सजा भुगतने को तैयार हो. इस पर उन्होंने जवाब दिया कि रोजाना दाढ़ी बनाने में मेरा 15-20 मिनट का समय खर्च हो जाएगा. इसका उपयोग मैं दूसरे तरीके से कर सकता हूं. ये समय बचाने के लिए मुझे सजा भुगतना ही बेहतर लगता है. नाटूभाई ने भी मुस्कुराहट के साथ ये बात स्वीकार कर ली.