केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में विधायी प्रारूपण पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने आगे कहा कि 'विधायी प्रारूपण विज्ञान और कला नहीं है बल्कि कौशल है जिसको आत्मा के साथ जोड़कर लागू करना है। इसके कोई स्थायी नियम नहीं होते हैं, आपको वो नियम पढ़ाए जाएंगे लेकिन उन सभी नियम से ऊपर संविधान की आत्मा को समझकर उसको जमीन पर उतारना आपका काम है।'
अमित शाह ने आगे कहा कि 'इसके साथ- साथ हम संविधान की स्पीड हम तभी समझेंगे जब अच्छी जानकारी संविधान की होगी और ग्रे एरिया को मीनिमाइज करने का हमेशा ध्यान रखना होगा। वे कहते हैं, "विधायी का मसौदा तैयार करना कोई विज्ञान या कला नहीं है, यह एक कौशल है जिसे भावना के साथ लागू किया जाना चाहिए. कानून स्पष्ट होना चाहिए और कोई अस्पष्ट क्षेत्र नहीं होना चाहिए."
विधायी प्रारूपण पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आगे कहा कि 'बहुत समय पहले ये प्रशिक्षण चलता था लेकिन किसी कारण ये बंद हो गया था। विधायी प्रारूपण हमारे लाकतंत्र का इतना महत्वपूर्ण अंग है कि इसके बारे में दुर्लक्ष्य न केवल कानूनों को निर्बल करता है बल्कि पूरे लोकतांत्रिक व्यवस्था को निर्बल करता है। First Updated : Monday, 15 May 2023