Amit Shah: पीएम मोदी के बाद कौन होगा देश का नया प्रधानमंत्री? अमित शाह ने तमिलनाडु में दिया ये संकेत
2024 LokSabha Elections: लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर लगातार सियासी बयानबाजी जारी है। विपक्ष भाजपा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है। इस बीच गृहमंत्री अमित शाह ने भविष्य में तामिलनाडु से प्रधानमंत्री बनाने की वकालत की है।
2024 LokSabha Elections: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बड़ा चुनावी दाव खेला है। भारतीय जनता पार्टी को दक्षिण के राज्यों में लगातार मिल रही हार के बाद अमित शाह ने तमिलनाडु से भविष्य में पीएम बनाने की वकालत की है। मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि चेन्नई में बीजेपी पदाधिकारियों बैठक हुई। इस बैठक में अमित शाह ने कहा तमिलनाडु से हमने दो संभावित प्रधानमंत्रियों कामराज और मूपनार का मौका गंवा दिया। इसके लिए डीएमके जिम्मेदार है।
तमिल से बने पीएम
रविवार को चेन्नई में बीजेपी पदाधिकारियों की बैठक हुई। बैठक में गृहमंत्री अमित शाह ने तलिम के किसी गरीब परिवार से भविष्य में देश का नया प्रधानमंत्री बनाने की वकालत की है। साथ ही पदाधिकारियों की बैठक को संबोधित किया। दरअसल, अमित शाह आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर दो दिवसीय तमिलनाडु के दौरे पर थे। जानकारी के मुताबिक, अमित शाह ने डीएमके पर निशाना साधते हुए कहा कि तमिलनाडु के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के. कामराज और जी.के. मूपनार में देश का पीएम बनने की क्षमता थी, लेकिन डीएमके ने उनकी संभावनाओं विफल करने का काम किया है।
डीएमके का घेरने के लिए बनाई रणनीति
अमित शाह की तमिल प्रधानमंत्री बनाने की मांग को डीएमके को घेरने के रूप में देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि अमित शाह का फोकस तमिल में बीजेपी का प्रभाव बढ़ाने और लोकसभा चुनाव 2024 में अधिक सीटें जीतने का है। कहा जा रहा है कि बीजेपी तमिल की 39 लोकसभा पर चुनाव जीतने की तैयारी में है। साथ ही तमिल में बीजेपी का प्रभाव बढ़ाना है।
कांग्रेस पर बोला हमला
तमिलनाडु दौरे के बाद अमित शाह ने आंध्र प्रदेश में कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। विशाखपटनम में जनसभा को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि "यूपीए की सरकार ने अपने 10 साल में 12 लाख करोड़ का घोटाला किया था। पीएम मोदी की अभी तक 9 साल की सरकार में एक भी भ्रष्टाचार का आरोप नहीं है।" उन्होंने आरोप लगाया कि यूपीए सरकार के दौरान, आलिया, मालिया जमालिया पाकिस्तान से यहां प्रवेश करती थी और बम विस्फोटों को अंजाम देती थी। तत्कालिन सरकार में कुछ करने की हिम्मत नहीं थी। नौ साल की मोदी सरकार ने देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए काम किया।