4 जुलाई को पाकिस्तान में दल खालसा के संस्थापक गजिंदर सिंह खालसा की मौत हो गई. वहीं उसके अगले रोज भारत में वारिस पंजाब दे के अमृतपाल सिंह की शपथ कराई गई. कहने को दोनों मामले बेहद अलग हैं. हालांकि, इन दोनों के बीच एक खास कनेक्शन है. वो है इनके विचार. दोनों ही खालिस्तान का समर्थन करते हैं. गजिंदर सिंह इंडियन एयरलाइंस के विमान हाईजैक का दोषी है तो वहीं अमृतपाल सिंह पर भारत में NSA की कार्रवाई चल रही है. आइये जानें गजिंदर सिंह खालसा की प्रोफाइल.
बता दें कि, 73 साल के खालिस्तानी समर्थक गजिंदर सिंह को कुछ दिन पहले दिल का दौरा पड़ा था, जिसके बाद उन्हें पाकिस्तान के लाहौर में पंजाब इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी में भर्ती कराया गया था. रिपोर्ट के मुताबिक खालिस्तानी समर्थक हृदय संबंधी बीमारी थी और वो काफी समय से अस्पताल में भर्ती था. सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि 3 जुलाई को लाहौर में उनका निधन हो गया है.
दल खालसा के संस्थापक गजिंदर सिंह की पाकिस्तान में मौत हो गई है. वो अलगाववादी सिख संगठन 'दल खालसा' के संस्थापक थे. पिछले साल मई में लाहौर में खालिस्तान कमांडो फोर्स के प्रमुख परमजीत सिंह पंजवार की हत्या के बाद, पाकिस्तान सरकार ने उनकी सुरक्षा बढ़ाने के लिए गजिंदर को एक राज्य अतिथि गृह में स्थानांतरित कर दिया था. एक बैठक के दौरान गजिंदर सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए दल खालसा के पदाधिकारियों ने कहा, कि, उनका अंतिम संस्कार 4 जुलाई की शाम को यूनाइटेड किंगडम (यूके) से आई उनकी बेटी बिक्रमजीत कौर की उपस्थिति में ननकाना साहिब के श्मशान घाट पर किया गया.
गजिंदर सिंह कट्टरपंथी संगठन दल खालसा का सह संस्थापक था. भारत सरकार ने उसका नाम साल 2002 में 20 मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादियों की लिस्ट में रिकॉर्ड किया था. भारत ने उसकी सुपुर्दगी की मांग कई बार की लेकिन पाकिस्तान हर बार यही बोलता रहा कि वो हमारे यहां है ही नहीं. गजिंदर सिंह पर 29 सितंबर, 1981 को एयर इंडिया प्लेन हाईजैक करने का आरोप है. 2001 में भारतीय संसद पर आतंकी हमले के बाद, गृह मंत्रालय ने पाकिस्तान प्रत्यर्पण के लिए 20 मोस्ट वांटेड की लिस्ट जारी की थी, जिसमें गजिंदर भी शामिल था.
दरअसल, अस्सी की दशक में जरनैल सिंह भिंडरावाले पर कई हत्याओं के आरोप लगे थे. उस समय कांग्रेस की सरकारी थी. एक मामले में दोषी पाने के बाद जरनैल भिंडरावाले को गिरफ्तार कर लिया गया जिसके बाद उसके अनुयायी ने खूब दंगे किए और उसे छुड़ाने के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार थे. उन्हें जेल से छुड़ाने के लिए पांच सिखों (सतनाम सिंह, करण सिंह, तजिंदर पाल सिंह, जसबीर सिंह चीमा और गजेंद्र सिंह) ने प्लान बनाया और इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट 423 को हाईजैक कर लिया. विमान में 111 यात्रियों के अलावा 6 क्रू मेंबर्स भी सवार थे. हालांकि वो अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हुए और भारत सरकार की स्पेशल कमांडो टीम ने आतंकियों को पकड़ लिया और बंधकों को सकुशल छुड़ा लिया.
दरअसल, अमृतपाल सिंह और गजिंदर सिंह दोनों ही खालिस्तान समर्थक है जो पंजाब को एक अलग राष्ट्र बनाना चाहते हैं. अमृतपाल सिंह फिलहाल जेल में है जेल में ही रहकर उन्होंने लोकसभा का चुनाव जीता है. पंजाब के खडूर साहिब से वो सांसद बने हैं. अमृतपाल सिंह भी सिख धर्म के एक पारंपरिक रूप को अपनाने और एक संप्रभु सिख राज्य ("खालिस्तान") की वकालत करने के लिए प्रोत्साहित करता आया है. वह एक आतंकवादी है जो भारत को तोड़ने के लिए काम कर रहा है. खुफिया सूत्रों का दावा है वो भारत को विभाजित करना चाहते हैं और खालिस्तानी बनाना चाहते हैं. बता दें कि, 'वारिस पंजाब दे' के मुखिया अमृतपाल सिंह देशद्रोही के आरोप में जेल की सजा काट रहे हैं. First Updated : Saturday, 06 July 2024