विश्लेषण : 2024 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’का कितना पड़ेगा असर?
Bharat Jodo Nyay Yatra: कांग्रेस नेता राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय कर रहे हैं. इस बार उनकी यात्रा 14 जनवरी को पूर्वोत्तर के इंफाल से शुरू हो गई है जो 20 मार्च को मुंबई में खत्म होगी. राहुल गांधी की यात्रा 15 राज्यों के 116 जिलों से गुजरेगी. यात्रा 66 दिनों में 6713 किमी की दूरी तय करेगी.
Bharat Jodo Nyay Yatra : कांग्रेस नेता राहुल गांधी भारत जोड़ों यात्रा के अब भारत जोड़ो न्याय यात्रा कर रहे हैं. राहुल गांधी की यह यात्रा 14 जनवरी को पूर्वोत्तर के इंफाल से शुरू हुई थी जो इन दिनों झारखंड में है. राहुल की यह यात्रा 20 मार्च को मुंबई में खत्म होगी. कांग्रेस पार्टी ने जो रूट तय किया है, उसके मुताबिक इस दौरान उत्तर प्रदेश के 20 जिलों तक यह यात्रा पहुंचेगी. राहुल गांधी की इस यात्रा के राजनीतिक मतलब भी निकाले जा रहे हैं.
राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' 14 जनवरी को पूर्वोत्तर के इंफाल से शुरू हुई थी. 20 मार्च को मुंबई में खत्म होने वाली यात्रा 15 राज्यों के 116 जिलों से गुजरेगी. यात्रा 66 दिनों में 6713 किमी की दूरी तय करेगी. कभी कांग्रेस के गढ़ रहे और आज बेहद कमजोर हो चले उत्तर प्रदेश में यह यात्रा सबसे ज्यादा 11 दिनों तक गुजरेगी. कांग्रेस पार्टी ने जो रूट तय किया है, उसके मुताबिक इस दौरान उत्तर प्रदेश के 20 जिलों तक यह यात्रा पहुंचेगी. राहुल की इस यात्रा के राजनीतिक मतलब अभी से निकालने शुरू कर दिए गए हैं.
Here is the route map of the Bharat Jodo Nyay Yatra being launched by the Indian National Congress from Manipur to Mumbai on January 14, 2024. @RahulGandhi will cover over 6700 kms in 66 days going through 110 districts. It will prove as impactful and transformative as the… pic.twitter.com/ZPxA5daZEb
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) January 4, 2024
मणिपुर से यात्रा की शुरुआत के मायने?
इस साल अप्रैल- मई में देश में आम चुनाव होने वाले हैं. इसलिए राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा का राजनीतिक महत्व बढ़ गया है. इसकी शुरुआत भी हिंसा की चपेट में आए मणिपुर की राजधानी इंफाल से होने वाली है. मतलब कि कांग्रेस एक तरह से मणिपुर के लोगों के ताजा जख्मों पर मरहम लगाकर राजनीतिक फायदा लेने की कोशिश करती दिख रही है. कांग्रेस ने विपक्षी इंडिया गठबंधन के सभी दलों को इस यात्रा में शामिल होने का न्योता दिया है. आम लोगों को इस यात्रा से जोड़कर लोकसभा चुनाव में अपनी ओर करने के मकसद से कांग्रेस ने सभी नागरिक संगठनों और देश के आम लोगों से इससे जुड़ने का आह्वान किया है.
100 लोकसभा और 337 विधानसभा सीटों को करेंगे कवर
राहुल गांधी की यात्रा में इस बार बस का इस्तेमाल किया जाएगा और ज्यादातर हिस्सा बस से पूरा होगा. ऐसा इसलिए किया जा रहा है, ताकि कम समय में ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा जा सके. राहुल रोज आठ से 10 किमी पैदल चलेंगे तो 70 से 80 किमी बस से यात्रा करेंगे. इस दौरान वह आम लोगों से मुलाकात भी करेंगे. यानी रोज करीब सौ किमी की यात्रा के दौरान राहुल गांधी लगभग सौ लोकसभा सीटों और 337 विधानसभा क्षेत्रों तक पहुंचेंगे. राहुल की यह यात्रा पिछली यात्रा से ज्यादा हिस्सा कवर करेगी, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक अपनी बात पहुंचाई जा सके. राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कन्याकुमारी से कश्मीर तक की यात्रा की थी. तब वे 14 राज्यों से गुजरे और 145 दिनों में लगभग 3700 किमी की दूरी पैदल तय की थी. इसमें समय ज्यादा लगा था और कम लोगों तक पहुंच पाए थे.
उत्तर प्रदेश में दोबारा से जमीन पाने की कोशिश
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा सबसे ज्यादा समय तक उत्तर प्रदेश से गुजरेगी और वोटरों को साधने की कोशिश करेगी. 11 दिन यूपी में यात्रा के दौरान लखनऊ और वाराणसी जैसे वीआईपी इलाके तो कवर किए ही जाएंगे. साथ ही कांग्रेस का गढ़ रहे अमेठी और रायबरेली में भी पार्टी अपना खोया जनाधार खोजने की कोशिश करेगी. राहुल गांधी की यात्रा रुहेलखंड और बृज क्षेत्र के जिलों से भी गुजरेगी. कांग्रेस हर हाल में इस चुनाव में उत्तर प्रदेश में अपनी सीटों को बढ़ाना चाहती है.
ओडिशा और गुजरात पर नजर
इस यात्रा के माध्यम से पार्टी उत्तर प्रदेश के अलावा ओडिशा और गुजरात पर भी नजरें गड़ाए है. इसीलिए यूपी के साथ ही इन दोनों राज्यों में यात्रा को ज्यादा समय दिया गया है. कांग्रेस कहीं न कहीं अब यह मानकर चलने लगी है कि यात्रा उसका ब्रांड बन चुकी है और इसके जरिए जनता तक पहुंच बनाई जा सकती है. इस बार यात्रा के दौरान वे सभी कमियां दूर करने का कांग्रेस जरूर प्रयास करेगी, जो पिछली बार की यात्रा में रह गई थीं.
राजनीतिक छवि बदलने की कोशिश
राजनीति को कहना है कि शुरू में लोगों ने राहुल गांधी की पहली भारत जोड़ो यात्रा को गंभीरता से नहीं लिया था. लेकिन राहुल ने जब भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया, किसानों और बेरोजगारों के मुद्दों पर बात की तो कहीं न कहीं उनकी राजनीतिक छवि को फायदा पहुंचा. भले ही मध्य प्रदेश और राजस्थान में चुनाव के नतीजों में कांग्रेस को फायदा नहीं मिला पर इतना जरूर हुआ कि पार्टी के कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ा. इसके बाद कहीं न कहीं लोग राहुल को गंभीरता से लेने लगे हैं और उनकी बात सुनते भी हैं.
इंडिया गठबंधन का क्या होगा?
राहुल गांधी की यात्रा को लेकर अब सवाल यह भी उठ रहा है कि आगे इंडिया गठबंधन का क्या होगा. क्योंकि कांग्रेस की कोशिश है कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा के जरिए देश भर में ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा जाए. अलग-अलग राज्यों के स्थानीय मुद्दों को समझा और उठाया जाए. मुंबई में यात्रा की समाप्ति पर वहां के राजनीतिक घटनाक्रम के बाद सरकार के गठन पर भी सवाल उठाया जा सकता है. हालांकि, राजनीति विश्लेषक मान रहे हैं कि इस यात्रा के नतीजे इस बात पर निर्भर करेंगे कि मुद्दों को किस तरह से उठाया जा रहा है. राहुल गांधी की यात्रा बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों से भी गुजरेगी, जहां इंडिया गठबंधन में अब तक तालमेल नहीं हो पाया है. ऐसे में देखना होगा कि यात्रा से गठबंधन में करीबियां बढ़ेंगी या दूरियां? वैसे इस यात्रा के दौरान गठबंधन के दलों की संयुक्त रैलियों की भी योजना है.
निशाने पर रहेंगी केंद्र सरकार की नीतियां
कांग्रेस का कहना है कि राहुल की पहली यात्रा में लोगों को राजनीतिक तानाशाही, सामाजिक ध्रुवीकरण और आर्थिक असमानता के खिलाफ जगाया गया था. इस बार भारत न्याय यात्रा से लोगों को राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक न्याय के लिए जागरूक किया जाएगा. इससे माना जा रहा है कि कांग्रेस इस यात्रा के दौरान केंद्र सरकार पर निशाना साधेगी. एक बार फिर संविधान और लोकतंत्र बचाने के नाम पर कांग्रेस मतदाताओं को आकर्षित करने का प्रयास करेगी.