Caste Based Survey In Andhra Pradesh: बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्य में जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट हाल ही में जारी किया था. जिसके बाद से ही जातिगत जनगणना को लेकर देश में चर्चा तेज हो गई है. इस बीच मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की अध्यक्षता में आंध्र प्रदेश राज्य मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को उत्पीड़ित वर्गों के लोगों की सटीक संख्या की पहचान करने के लिए एक व्यापक जाति-आधारित सर्वेक्षण करने का निर्णय लिया ताकि उन्हें सामाजिक-आर्थिक लाभ पहुंचाया जा सके.
कैबिनेट बैठक के बाद पत्रकारों को जानकारी देते हुए राज्य के सूचना और जनसंपर्क मंत्री सी श्रीनिवास वेणुगोपाल कृष्णा ने कहा कि कैबिनेट ने प्रस्ताव का समर्थन करने से पहले राज्य भर में जाति-आधारित सर्वेक्षण कराने की आवश्यकता पर गहन चर्चा की.
'उत्पीड़ित वर्गों के लिए काम करने में मिलेगी मदद'
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के व्यापक जाति सर्वेक्षण से उत्पीड़ित वर्गों के जीवन को बेहतर बनाने और उनके सामाजिक सशक्तिकरण को अगले स्तर पर ले जाने में मदद मिलेगी. "सर्वेक्षण में लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति, रोजगारोन्मुख शिक्षा और समाज में जाति संतुलन जैसे विभिन्न कारकों को ध्यान में रखा जाएगा.
वेणुगोपाल कृष्ण ने कहा, "सर्वेक्षण से समाज में कमजोर वर्गों का एक डेटाबेस बनाने में मदद मिलेगी, ताकि सरकार अपनी कल्याणकारी योजनाओं और अन्य आर्थिक लाभों का विस्तार कर सके."
समाज में आर्थिक असमानताओं को दूर किया जाएगा
कैबिनेट ने यह भी महसूस किया कि सर्वेक्षण से उन लोगों की पहचान करने में भी मदद मिलेगी जो कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में छूट गए थे. मंत्री ने कहा, "हम अधिक गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों और मानव संसाधन विकास योजनाओं की योजना बना सकते हैं ताकि समाज में आर्थिक असमानताओं को दूर किया जा सके."
कैबिनेट ने एसआईपीबी (राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड) को ₹19,037 करोड़ के नए निवेश की मंजूरी दे दी है जो 69,565 व्यक्तियों को रोजगार के अवसर प्रदान करेगा. इसके साथ ही कैबिनेट ने कई जिलों में सरकारी कार्यालयों के निर्माण के लिए भूमि आवंटन और एपी इंडस्ट्रियल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कॉर्पोरेशन द्वारा 50 एकड़ से कम की औद्योगिक भूमि के आवंटन को भी मंजूरी दे दी है. First Updated : Friday, 03 November 2023