नसरुल्लाह की मौत पर मुरादाबाद में गुस्सा और श्रद्धांजलि, शिया समुदाय का कैंडल मार्च!

Anger And Tribute In Moradabad: लेबनान के हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरुल्लाह की मौत पर मुरादाबाद के शिया समुदाय ने कैंडल मार्च निकाला. हाथों में मोमबत्तियां और काले झंडे लिए लोग नसरुल्लाह को शहीद बताकर इजराइल के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे. जानें इस मार्च के दौरान लोगों ने क्या कहा और किस तरह उन्होंने अपने नेता को श्रद्धांजलि दी!

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Anger And Tribute In Moradabad: मुरादाबाद के कुंदरकी थाना क्षेत्र में लेबनान के हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरुल्लाह की मौत पर शिया समुदाय के लोगों ने गहरी निराशा और गुस्से का इजहार किया है. नसरुल्लाह की मौत के बाद स्थानीय लोगों ने रात में कैंडल मार्च निकालकर अपनी भावनाएं व्यक्त कीं. मार्च में शामिल लोग हाथों में मोमबत्तियां और काले झंडे लिए हुए थे.

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हसन नसरुल्लाह ने आतंकवाद के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी और फिलिस्तीनी लोगों का समर्थन किया. उन्होंने इजराइल पर मासूम बच्चों और निहत्थे लोगों के खिलाफ अत्याचार का आरोप लगाया. कैंडल मार्च के दौरान, लोगों ने नसरुल्लाह की तस्वीरें थाम रखी थीं और उन्हें शहीद करार दिया.

कैंडल मार्च की विशेषताएं

कुंदरकी कस्बे में यह कैंडल मार्च शांतिपूर्ण तरीके से शुरू हुआ. सादात मोहल्ले से होकर गुजरे इस मार्च में बड़ी संख्या में बुजुर्ग महिलाएं, पुरुष और बच्चे शामिल हुए. प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाते हुए कहा, 'हसन नसरुल्लाह हमारे दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगे.'

प्रदर्शनकारियों का कहना था कि नसरुल्लाह को सोशल मीडिया पर गलत तरीके से पेश किया जा रहा है, जबकि उन्होंने हमेशा मजलूमों के लिए अपनी जान की परवाह किए बिना संघर्ष किया. बैनरों पर लिखा था 'नसरुल्लाह शहीद हैं,' जो उनकी निस्वार्थ सेवा को दर्शाता है.

इजराइल के खिलाफ नाराजगी

कैंडल मार्च के दौरान लोगों ने इजराइल के खिलाफ अपनी नाराजगी भी जाहिर की. उन्होंने नसरुल्लाह को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनके कार्यों को हमेशा याद रखा जाएगा. यह कैंडल मार्च इस बात का प्रतीक है कि शिया समुदाय अपने नेता की याद में एकजुट है और उनके संघर्ष को जारी रखने का संकल्प ले रहा है.

मुरादाबाद में उपचुनाव

इस मार्च के आयोजन के समय मुरादाबाद में उपचुनाव भी होने वाले हैं. ऐसे में शिया समुदाय का यह विरोध एक महत्वपूर्ण राजनीतिक संदेश भी दे रहा है. नसरुल्लाह की मौत पर उठे इस शोर-शराबे ने स्थानीय राजनीतिक माहौल में हलचल पैदा कर दी है. मुरादाबाद का यह कैंडल मार्च केवल एक शोक समारोह नहीं था, बल्कि यह उन लोगों के लिए एक संघर्ष का प्रतीक है जो न्याय और समानता की मांग करते हैं. नसरुल्लाह की याद में निकाला गया यह मार्च शिया समुदाय की एकजुटता और उनके नेता के प्रति अपार श्रद्धा का प्रतीक है. First Updated : Wednesday, 02 October 2024