अंगूरी बाई' जिंदा है: 11 साल से लापता, नाम बदल दिल्ली को बनाया ठिकाना; क्या है युवक के किन्नर बनने की कहानी?
Delhi News: राजधानी दिल्ली में मध्य प्रदेश के हरदा का रहने वाला एक 39 वर्षीय युवक अंगूरी बाई के नाम से रहते हुए पाया गया है. जुलाई 2013 में मध्य प्रदेश के रहटगांव थाने में युवक के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. पुलिस ने दो साल तक उसकी तलाश की, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला. इस बीच गहन जांच में पुलिस को युवक दिल्ली में किन्नर बन रहता हुआ पाया गया.
Delhi News: राजधानी दिल्ली से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां 11 साल से मृत माने जा रहे मध्य प्रदेश के हरदा निवासी एक व्यक्ति को अंगूरी बाई के नाम से रहते हुए पाया गया है. जिसकी उम्र 39 साल है. इस बीच जब इस व्यक्ति के दरवाजे पर पुलिस सिविल ड्रेस में पहुंची तो वह हैरान रह गया. इस दौरान व्यक्ति ने अपने घर लौटने से मना कर दिया और कहा कि उसे पिछले 11 सालों की जिंदगी पसंद है. इस दौरान जब पुलिस ने उसे बताया कि मध्य प्रदेश कोर्ट के आदेश पर हत्या की जांच चल रही है तो वह तस्वीर साफ करने के लिए उनके साथ हरदा वापस जाने को तैयार हो गया.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई 2013 में मध्य प्रदेश के रहटगांव थाने में युवक के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. पुलिस ने दो साल तक उसकी तलाश की, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला. उसके बाद उसके परिवार ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और आरोप लगाया कि गांव के ही पांच लोगों ने उसकी हत्या कर शव को छिपा दिया है. 2017 में कोर्ट ने पुलिस को पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर गहन जांच करने का आदेश दिया.
कोर्ट ने दिए थे नए सिरे से जांच के आदेश
इस बीच गहन जांच के बावजूद पुलिस को न तो शव मिला और न ही युवक की हत्या के पीछे कोई सबूत या मकसद. उन्होंने 2019 में कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की. हालांकि, लापता युवक के परिवार ने इस पर आपत्ति जताई. 2023 में, कोर्ट ने क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया और नए सिरे से जांच का आदेश दिया. पिछले साल अक्टूबर में सब डिविजन पुलिस अधिकारी टिमरनी आकांक्षा ताल्या को मामले में जांच अधिकारी बनाया गया था.
मामले में क्या बोली पुलिस?
इस बीच आकांक्षा ताल्या ने मीडिया को दिए गए अपने बयान में कहा कि हमें रहस्य को सुलझाने में लगभग एक साल की कड़ी मेहनत लगी. हालांकि आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला और एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था, लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया क्योंकि न तो शव मिला और न ही कोई सबूत. हमने 2023 में नए सिरे से जांच शुरू की
'किन्नरों की तरह हरकत करता था युवक'
पुलिस अधिकारी ने आगे कहा कि हम सबूतों की तलाश करते रहे. यह सब कुछ झाड़-झंखाड़ में उलझने जैसा था, लेकिन इससे हमें अपना पहला सुराग मिला. कुछ ग्रामीणों ने हमें बताया कि लापता युवक हिजड़े की तरह व्यवहार करता था. हमने उसकी तस्वीरें लीं और हरदा और आस-पास के जिलों में किन्नरों के विभिन्न स्थानों पर जाना शुरू कर दिया.
'तस्वीरों के साथ घर-घर की गई युवक की खोजबीन'
इस सुराग ने पुलिस को कई बार बेबुनियाद खोजबीन करने पर मजबूर कर दिया. कई असफल प्रयासों के बाद, हमें एक और जानकारी मिली कि हरदा का एक किन्नर कई सालों से दिल्ली में रह रहा था. हमें पक्का संदेह था कि यह लापता युवक हो सकता है. हमें दिल्ली के इलाके का एक मोटा-मोटा अंदाजा था और हमारी टीमें शुक्रवार को लगभग 8 घंटे तक तस्वीरों के साथ घर-घर गईं, तब जाकर आखिरकार उन्हें वह मिल गया,
अंगूरी बाई' के नाम से रह रहा था युवक
इस बीच पुलिस अधिकारी ताल्या ने कहा, 'वह वहां 'अंगूरी बाई' के नाम से रह रहा था और हरदा आने में आनाकानी कर रहा था. हमने उसे समझाया कि 11 साल से उसकी तलाश की जा रही है. वह राजी हो गया लेकिन इस शर्त पर कि उसे दिल्ली लौटने दिया जाएगा क्योंकि वह वैसे ही रहना चाहता है जैसे वह रहता आया है. हमारी टीम उसे शनिवार को हरदा ले आई. हमने उसे उसके परिवार के सदस्यों से मिलवाया. अब उसे रविवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा.'