Explainer: भारत के अलावा अमेरिका, जापान में क्या है 'हिट एंड रन' कानून, अब तक कितने हुए बदलाव?
Explainer: नए हिट एंड रन कानून के तहत, किसी भी हादसे के जिम्मेदार व्यक्ति को 10 साल तक की कैद और 7 लाख का भारी जुर्माना हो सकता है. इसको लेकर ही देश भर में हड़ताल चल रही थी.
Explainer: भारत सरकार द्वारा बनाए गए नए भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन के बीच परिवहन संघों और ड्राइवरों की देशव्यापी हड़ताल दो दिन जारी रही. जिससे ईंधन आपूर्ति में बाधा उत्पन्न हुई और विभिन्न शहरों में पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारें लग गईं. भारतीय दंड संहिता को खत्म करते हुए हाल ही में केंद्र सरकार ने भारतीय न्याय संहिता को जगह दी है. इस मामले में सरकार ने ड्राइवरों से बात की जिसके बाद दोनों के बीच समझौता हो गया है.
हिट एंड रन कानून
भारत में नए कानून में विशेष रूप से गंभीर सड़क दुर्घटनाओं में शामिल मोटर चालकों के लिए यह प्रावधान है कि जो मोटर चालक अधिकारियों को घटना की सूचना दिए बिना घटनास्थल से भाग जाते हैं. इस नए कानून के तहत, ऐसी घटनाओं के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों को 10 साल तक की कैद और 7 लाख का भारी जुर्माना हो सकता है. आज आपको बताएंगे कि भारत के अलावा दूसरे देशों में इस हिट एंड रन का क्या कानून है.
क्या है 'हिट एंड रन'
देश भर में 'हिट एंड रन' के नए कानून को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. ट्रक ड्राइवर्स इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे जो कि अब खत्म हो चुका है. सरकार ने ड्राइवर्स से बात करके उनको आश्वासन दिया है. अब सवाल ये उठता है कि आखिर 'हिट एंड रन' मामले पर इतना बवाल क्यों मचा है? सबसे पहले तो ये समझते हैं कि 'हिट एंड रन' मामला है क्या. आसान शब्दों में कहें तो सड़क हादसा, जिसमें कोई एक गाड़ी दूसरी गाड़ी को टक्कर मारती है और पकड़े जाने के डर मौके से चालक फरार हो जाते हैं. इसमें होता ये है कि जो घायल होता है वो उसी अवस्था में पड़े हुए दम तोड़ देता है. इसमें एक आपराधिक मामला बनता है. अब सरकार ने इसी तरह के मामलों को लेकर एक सख्त कानून बनाया है.
पहले क्या थी सजा?
पुराने कानून में हिट एंड रन के मामले में लापरवाही से गाड़ी चलाने, लापरवाही से किसी की मौत होने या किसी की जान खतरे में पड़ने पर धारा 279, 304A, 338 के तहत कार्रवाई होती थी, जिसमें दो साल जेल का प्रावधान है. इतना ही नहीं आरोपी व्यक्ति को तुरंत जमानत भी मिल जाती है.
अब क्या हुए बदलाव?
नए कानून के मुताबिक, हिट एंड रन मामले में आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्यायिक संहिता की धारा 104(2) के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी. अगर लापरवाही या लापरवाही से गाड़ी चलाने के कारण किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है और आरोपी ड्राइवर पुलिस को सूचना दिए बिना मौके से फरार हो जाता है, तो उसे 10 साल तक की सजा हो सकती है. इसके साथ ही 7 लाख रुपये का जुर्माना भी भरना पड़ सकता है. अगर आरोपी ड्राइवर दुर्घटनास्थल से नहीं भागा तो भी उसे पांच साल तक की जेल की सजा हो सकती है. दोनों ही मामले गैर जमानती हैं और सबसे अहम बात ये है कि आरोपी ड्राइवर को थाने से जमानत नहीं मिलेगी.
दूसरे देशों में क्या है कानून?
हिट एंड रन के मामले पूरी दुनिया में सामने आते हैं, हर देश का इसको लेकर अलग कानून है. अगर जापान की बात करें तो वहां पर अगर किसी शख्स को किसी वाहन से टक्कर लगकर अगर मौत होती है तो 7 साल की सजा के साथ 1 मिलियन येन तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. वहीं, गंभीर रूप से घायल नहीं है तो उसकी सजा में छूट मिल सकती है.
हादसों के क्या हैं कारण?
हादसों के मामलों की बात करें तो अमेरिका, जापान, नार्वे, स्वीटडरलैंड में हिट एंड रन के मामले भारत के मुकाबले काफी कम हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक, भारत में हिट एंड रन के मामलों की अधिक संख्या का मुख्य कारण लापरवाही और गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार है. अधिकांश लोग सड़क नियमों का पालन नहीं करते. जिसमें उनका सीट बेल्ट ना लगाना, ओवरस्पीडिंग और नशे में गाड़ी चलाना कई कारण सामने आए हैं.