Arctic : भारत अगले हफ्ते आर्कटिक के लिए शुरू करेगा पहला शीतकालीन विज्ञान अभियान, जानिए क्या है तैयारी
Winter Science Expedition : 19 दिसंबर को भारत आर्किटक क्षेत्र में अपना पहला शीतकालीन विज्ञान अभियान शुरू करेगा. हिमाद्रि देश का पहला स्थायी आर्किटिक अनुसंधान स्टेशन है.
Arctic : मंगलवार 19 दिसंबर को भारत अनुसंधान स्टेशन हिमाद्रि में पूरे साल उपस्थिति बनाए रखने की कोशशि की तहत आर्किटक क्षेत्र में अपना पहला शीतकालीन विज्ञान अभियान शुरू करेगा. हिमाद्रि देश का पहला स्थायी आर्कटिक अनुसंधान स्टेशन है. यह नार्वे के स्वालबार्ड में है. इस अभियान को पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरण रिजिजू हरी झंडी दिखाएंगे. जानकारी के अनुसार विज्ञानिकों का ग्रुप 30 से 45 दिनों तक न्यालेसुंड के अनुसंधान केंद्र में रहेगा. फिर उनकी जगह दूसरी टीम लेगी.
क्या है उद्देश्य
भारत ने साल 2007 में अपना आर्कटिक अनुसंधान कार्यक्रम शुरू किया था. जिसका उद्देश्य़ आर्कटिक जलवायु और भारतीय मानसून के बीच के संबंधों का अध्ययन करना है. सरकार ने पिछले साल आर्कटिक नीति का अनावरण किया था. इस क्षेत्र में ज्यादा अनुसंधान स्टेशन और सैटेलाइट ग्राउंड स्टेशन बनाने की योजना साझा की थी. भारत की इस अनुसंधान पर पूरे साल मौजूदगी रहेगी जैसे दक्षिणी ध्रुव के पास अंटार्कटिक में है.
माउंट विंसन के शिखर पर फहराया तिरंगा
केरल में रहने वाले शेख हसन खान ने अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी माउंट विंसन के शिखर पर तिरंगा फहराया है. वह अंटार्कटिका शिविर से 12 दिसंबर की रात को 8.40 बजे शिखर पर पहुंचने के बाद उन्होंने तिरंगा फहराया. उन्होंने कहा कि अभियान का उद्देश्य अंटार्कटिका में हो रहे जलवायु परिवर्तन के बारे में जागरुकता फैलाना है. आपको बता दें कि यह पांचवी सबसे ऊंची चोटी है जिस पर हसन गए.
हसन ने पहले भी की चढ़ाई
शेख हसन केरल सरकार में काम करते हैं. उन्होंने पहले माउंट एवरेस्ट, माउंट डेनाली, माउंट किलिमंजारो और माउंट एल्ब्रस पर चढ़ाई कर चुके हैं. जानकारी के अनुसार वह आने वाले दिनों में चिली और फिर अर्जेटीना की यात्रा भी करने वाले हैं. जहां पर हसन माउंट एकांकगुआ पर चढ़ाई करेंगे.