चाय पीने के हैं शोकीन.., और ये बातें नहीं जानते.., क्या यह भारत का पेय है?
चाय का सेवन दो आज पूरे देश में होता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि चाय भारत कैसे आयी ?
भारत में अधिकतर लोगों को चाय का शोक होता है. भारत को चाय का देश भी कहा जाता है. हमारे देश में कुछ लोग तो ऐसे हैं जिन्हें बिना चाए पिए सुकून ही नहीं मिलता. जब तक उन्हें एक अच्छी सी चाय नहीं मिल जाती, तब तक सारे काम किनारे कर दिए जाते हैं. चाय के फायदे और नुकसान के बारे में भी खूब चर्चा होती ही रहती है लेकिन आज इस खबर में हम इस बात पर बात करेंगे की आखिर चाय भारत में आई कहां से और यदि चाय भारत का पेय नहीं है तो फिर भारत को चाय का देश क्यों कहा जाता है.
माना जाता है कि चाय की शुरुआत चीन से होती है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2700 ईसा पूर्व चीनी शासक शेन नुंग बगीचे में बैठकर गर्म पानी पी रहे थे और तभी उनके कप में एक पेड़ की पत्ती आ गिरी. इससे पानी का रंग सुनहरा होने लगा और एक खुशबू भी उठी. शेन नुंग ने जब इसका स्वाद चखा तो उन्हें मजा ही आ गया. इस तरह चाय की शुरुआत हुई. एक मान्यता के अनुसार चाय का सेवन बौद्ध भिक्षुओं द्वारा औषधि के रूप में किया जाता है.
बाद में चीन से ये चाय भारत भी चली आई. हालांकि काढ़ा पीने की प्रथा हमारे यहां पहले से थी लेकिन चाय उससे कुछ अलग है. कहा जाता है कि वर्ष 1610 में डच व्यापारी चाय को चीन से यूरोप ले गए और धीरे-धीरे यह पूरी दुनिया की प्रिय पेय पदार्थ बन गई.
भारत में भी चाय का चलन अंग्रेजों के आने के बाद कुछ ज्यादा ही हो गया. अंग्रेज तो चले गए लेकिन चाय की ये आदत भारत के लोगों को दे गए जिससे आज भी प्रत्येक घर में चाय का बोलबाला है. महमानों का स्वागत भी इसी पेय के साथ किया जाता है.