Law Minister: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और राज्य सरकार में मंत्री उदनिधि स्टालिन द्वारा सनातन धर्म को लेकर दिए गए बयान पर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. सनातन धर्म के उपर उनके द्वारा की गई विवादित टिप्पणी के बाद से भारतीय राजनीतिक में एक बहस छिड़ी हुई है. भाजपा इस विवादित बयान को लेकर इंडिया गठबंधन पर लगातार हमलावर होते दिख रही है. इसी कड़ी में केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने आज रविवार यानी 17 सितंबर को नेताओं से अपील की.
कानून मंत्री ने विपक्ष से किया सवाल
सनातन धर्म पर विवादित बयान को लेकर जारी घमासान के बीच केंद्रीय मंत्री राम मेघवाल ने कहा कि किसी धर्म का अपमान करना संविधान का अपमान करने जैसा है. साथ ही नेताओं से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए. वहीं विपक्ष से सवाल पूछते हुए मेघवाल ने कहा कि, हम उनसे पूछना चाहते हैं कि क्या वे केसी वेणुगोपाल, कार्ति चिदंबरम और प्रियांक खड़गे के बयानों से सहमत हैं?... संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए. 'सनातन धर्म' का अपमान क्यों? इसका मतलब है कि वे संविधान के भी खिलाफ हैं.
उदयनिधि स्टालिन ने दिया था विवादित बयान
आपको बता दें कि हाल ही में डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन ने अपने बयान में कहा कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय के खिलाफ है और इसे खत्म किया जाना चाहिए. आपको मालूम हो कि 2 सितंबर को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया और डेंगू से करते हुए यह कह डाला था कि ऐसी चीजों का विरोध नहीं बल्कि उन्हें नष्ट कर देना चाहिए.
एमके स्टालिन के बेटे से मांफी की मांग
उदयनिधि की इस टिप्पणी के बाद पूरे देश में विवाद खड़ा हो गया. बीजेपी के कई नेताओं और हिंदू पुजारियों ने इस पर तीखी प्रतक्रिया दी है. इस बयान की कड़ी आलोचना की जा रही है. वहीं, बीजेपी ने एमके स्टालिन के बेटे से माफी की मांग की है. First Updated : Sunday, 17 September 2023