60% आतंकवादी पाकिस्तानी थे...कश्मीर में बढ़ी घुसपैठी को लेकर सेना प्रमुख का खुलासा,
भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सेना दिवस से पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान और चीन के मुद्दों पर खुलकर बात की. उन्होंने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद, वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की स्थिति, मणिपुर में हिंसा और बांग्लादेश के साथ संबंधों पर अपने विचार साझा किए हैं. तो चलिए जानते हैं उन्होंने क्या-क्या कहा?
भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सेना दिवस से पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान और चीन के खिलाफ कई अहम बयान दिए. उन्होंने कश्मीर, वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) और मणिपुर में चल रही सुरक्षा स्थिति पर भी बात की. उन्होंने बताया कि पिछले साल जम्मू-कश्मीर में मारे गए 60% आतंकवादी पाकिस्तानी नागरिक थे. वहीं वर्तमान स्थिति में बचे हुए आतंकवादियों में 80% या उससे अधिक पाकिस्तानी हैं.
उन्होंने सीमा विवाद पर बात करते हुए कहा कि नियंत्रण रेखा (LoC) पर संघर्ष विराम जारी है, लेकिन पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ और आतंकी गतिविधियां अभी भी बरकरार हैं. डोडा-किश्तवाड़ बेल्ट और उत्तरी कश्मीर में पिछले कुछ महीनों से वृद्धि देखने को मिल रही है.
चीन के साथ सीमा विवाद: स्थिति स्थिर लेकिन संवेदनशील
चीन के साथ एलएसी पर स्थिति को लेकर सेना प्रमुख ने कहा कि हालात स्थिर हैं, लेकिन पूरी तरह सामान्य नहीं हैं. देपसांग और डेमचोक जैसे क्षेत्रों में गश्त और जानवरों की चढ़ाई शुरू हो गई है. उन्होंने बताया कि भारतीय सेना किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. सीमा पर बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जा रहा है.
मणिपुर में शांति के प्रयास जारी
मणिपुर में हिंसा पर जनरल द्विवेदी ने कहा कि सुरक्षा बल और सरकार मिलकर स्थिति को नियंत्रित करने में सफल हुए हैं. हालांकि, हिंसा की घटनाएं अभी भी जारी हैं. सेना क्षेत्र में शांति स्थापित करने की हरसंभव कोशिश कर रही है.
हिंसा का केंद्र है पाकिस्तान
सेना प्रमुख ने पाकिस्तान को कश्मीर में हिंसा का मुख्य केंद्र बताया. उन्होंने कहा कि स्थानीय लोग अब शांति के पक्ष में हैं, और आतंकी गतिविधियों में कमी आई है. इस दौरान महिला अफसरों की तारीफ करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि वे बेहतरीन काम कर रही हैं. उन्होंने अग्निपथ योजना को लेकर कहा कि इसमें सुधार किए जा रहे हैं और सेना में भर्ती होने वालों को राष्ट्रीय सेवा के प्रति समर्पित होना चाहिए.
बांग्लादेश के साथ मजबूत संबंध
बांग्लादेश के मुद्दे पर जनरल द्विवेदी ने बताया कि दोनों देशों के सैन्य संबंध बेहतर हैं और लगातार संवाद बनाए रखा जा रहा है. सेना प्रमुख की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस से यह साफ हुआ कि भारतीय सेना हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है. उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत बनाने और सेना को आत्मनिर्भर एवं भविष्य के लिए तैयार करने पर जोर दिया.