Army Day 2025: भारतीय सेना की गिनती दुनिया की सबसे ताकतवर सेनाओं में होती है. इस गौरवशाली सेना के पहले भारतीय प्रमुख फील्ड मार्शल के.एम. करियप्पा थे. उन्होंने 15 जनवरी 1949 को भारतीय सेना की कमान संभाली. इससे पहले सेना का नेतृत्व अंग्रेज अधिकारियों के हाथों में था.
उन्हीं की याद में हर साल 15 जनवरी को आर्मी डे मनाया जाता है. यह दिन भारतीय सेना के गौरवशाली इतिहास और फील्ड मार्शल के.एम. करियप्पा के नेतृत्व का सम्मान करने के लिए समर्पित है. 15 जनवरी 1949 को उन्होंने भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ के रूप में कार्यभार संभाला था, जो देश की सैन्य स्वायत्तता का प्रतीक बन गया.
आजादी के बाद सेना की कमान संभालने वाले के.एम. करियप्पा भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ बने. इस ऐतिहासिक दिन ने भारतीय सेना को आत्मनिर्भरता और स्वतंत्रता की दिशा में नई पहचान दी.
के.एम. करियप्पा का जन्म 28 जनवरी 1899 को कर्नाटक के कोडागू जिले में हुआ. उनकी पढ़ाई मदिकेरी सेंट्रल हाई स्कूल और मद्रास प्रेसीडेंसी कॉलेज से हुई. सेना में उनकी नियुक्ति 1919 में सेकेंड लेफ्टिनेंट के रूप में हुई.
साल 1947 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान, करियप्पा ने कश्मीर के पश्चिमी मोर्चे पर अहम भूमिका निभाई। उनकी काबिलियत और नेतृत्व क्षमता के कारण ही उन्हें भारतीय सेना का प्रमुख बनाया गया।
सेना प्रमुख के पद से 1953 में सेवानिवृत्त होने के बाद, करियप्पा को 1986 में "फील्ड मार्शल" की उपाधि दी गई. यह भारतीय सेना का सर्वोच्च रैंक है.
रिटायरमेंट के बाद भी के.एम. करियप्पा ने सेना और देश के लिए विभिन्न रूपों में योगदान दिया. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में राजदूत के रूप में सेवाएं दी.
15 जनवरी को भारतीय सेना के गौरवशाली इतिहास को याद करने और फील्ड मार्शल करियप्पा को सम्मान देने के लिए "आर्मी डे" मनाया जाता है. यह दिन हर भारतीय को सेना की ताकत और योगदान की याद दिलाता है. First Updated : Wednesday, 15 January 2025