Kissan Andolan ke Inside Story: गिरफ्तारी, बॉर्डर खाली और पुलिस की तैनाती-हर कदम की पहले ही हो चुकी थी प्लानिंग!
पंजाब पुलिस ने किसी भी संभावित टकराव से बचने से पहले ही प्लानिंग बना ली थी. पुलिस सूत्रों की अगर मानें तो 72 घंटे पहले से बनाई गई इस योजना के तहत किसान नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक के लिए यह विशेष दिन तया किया गया. पुलिस को पहले ही भनक लग गई थी कि किसान आंदोनल के प्रमुख नेता सरवन सिंह पंधेर और जगतीत सिंह ढल्लेवाल चंडीगढ़ पहुंचेंगे. इसी के कारण पुलि ने सुरक्षा उपाय कड़े कर दिए, ताकि स्थिति कंट्रोल की जा सके.

नई दिल्ली. शंभू और खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को पुलिस ने हटा दिया है. अब हरियाणा और पंजाब की ओर से सड़क पर लगाए गए बैरिकेड्स को हटाने का काम किया जा रहा है. शाम तक वाहनों का आवागमन फिर से शुरू होने की संभावना है. लेकिन यहां सवाल यह उठता है कि पंजाब पुलिस ने सीमा खाली करने के लिए 19 मार्च का दिन क्यों चुना? पुलिस सूत्रों के अनुसार किसी भी टकराव से बचने के लिए पंजाब पुलिस ने 72 घंटे पहले ही योजना बना ली थी. इसीलिए पुलिस ने किसान नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक के लिए यह दिन चुना. पुलिस को पता था कि किसान आंदोलन के बड़े चेहरे सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह दल्लेवाल चंडीगढ़ में मीटिंग के लिए आएंगे.
इस वजह से दोनों बॉर्डर से किसानों को हटाने में ज्यादा दिक्कत नहीं आएगी. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जगह खाली करने और रिपोर्ट पेश करने के आदेश के बाद पंजाब सरकार ने पुलिस को किसी भी कीमत पर किसी भी तरह की झड़प को रोकने का आदेश दिया था. किसान आंदोलन को लेकर मान सरकार की आलोचना हो रही थी. बड़े-बड़े व्यापारियों को करोड़ों का नुकसान हो रहा था.
पुलिस की रणनीति के चार प्रमुख कारण
पुलिस ने पहले एक योजना बनाई. इसके बाद 2 आईएएस अधिकारी और 4 आईपीएस अधिकारी इस गुप्त बैठक में शामिल हुए. योजना के तहत एक कमांडो बटालियन के साथ 1,500 पुलिस कर्मियों और अधिकारियों को तैनात किया गया. पुलिस को आदेश दिया गया कि किसान नेताओं को मोहाली में प्रवेश करते ही हिरासत में ले लिया जाए, लेकिन उन्हें थानों में नहीं, बल्कि बड़े प्रशिक्षण केंद्रों में रखा जाए. अगर कार्रवाई के समय बड़े किसान नेता खनौरी और शंभू बॉर्डर पर मौजूद होते तो खूनी संघर्ष हो सकता था. ऐसी स्थिति में योजना यह थी कि तभी कार्रवाई की जाए जब पंधेर और दल्लेवाल मोर्चे से दूर हों.
18-19 मार्च की रात भारी पुलिस बल तैनात
18-19 मार्च की रात करीब एक बजे तक संगरूर व अन्य स्थानों पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के नेतृत्व में पुलिस बल तैनात कर दिया गया. किसान नेताओं को सुबह 4 बजे ही इसकी आशंका हो गई थी, लेकिन वे बैठक की तैयारियों में व्यस्त थे. मोबाइल नेटवर्क भी बंद कर दिए गए. 19 फरवरी की दोपहर चंडीगढ़ में जब किसान नेताओं की केंद्र के साथ बैठक चल रही थी, तब राज्य पुलिस और खुफिया एजेंसियां लगातार योजना को अमलीजामा पहनाने में व्यस्त थीं. बैठक के बाद जैसे ही किसान नेता बाहर निकले, उन्हें हिरासत में लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई.
बैठक से पहले पंधेर ने कहा...
बुधवार को चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक से पहले किसान मजदूर मोर्चा के संयोजक सरवण सिंह पंधेर ने कहा था कि पंजाब पुलिस ने शंभू और खनौरी बॉर्डर पर अचानक पुलिस बल बढ़ा दिया है. मुझे नहीं पता कि सरकार ने यह हमारी सुरक्षा के लिए किया या कुछ और. हम इस मुद्दे को बैठक में उठाएंगे.