Article 370: जम्मू-कश्मीर से 370 हटाने का विरोध करने वाले पर भड़के गुलाब नबी आजाद, दिया यह बयान

Article 370 Abrogation: जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाए जाने का विरोध करने वालों को लेकर डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने कहा, जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं उन्हें जम्मू-कश्मीर का इतिहास और भूगोल की समझ नहीं है.

calender

Article 370 Abrogation: जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी प्रमुख गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने अनुच्छेद-370 हटाए जाने का विरोध करने वालों को अज्ञानी बताया है. उन्होंने कहा कि जो लोग इसका विरोध कर रहे है उन्हें केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) का इतिहास और भूगोल की समझ नहीं है. उनका बयान ऐसे वक्त में आया है जब केंद्र के कदम की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. बता दें कि अनुच्छेद-370 को हटाकर जम्मू-कश्मीर को मिला विशेष दर्जा को खत्म कर दिया गया है. 

इसी महीने धारा 370 को हटाने की चौथी वर्षगांठ के कुछ दिन बाद उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ने अनुच्छेद 370 को हटाकर कश्मीर में शांति, विकास और समृद्धि लाई है और इसकी सराहना की जानी चाहिए. यह किसी राज्य या धर्म के लिए नहीं था, बल्कि सभी के लिए एकसमान फायदेमंद था. 

'मुझे सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है'

अनुच्छेद 370 हटाए जाने के खिलाफ कई याचिकओं पर सुनवाई चल रही है. जिसको लेकर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है कि वह सभी पहलुओं पर गौर करेगा. वहीं, बीजेपी का दावा है कि धारा हटने के बाद राज्य में शांति, विकास और समृद्धि बढ़ी है. 5 अगस्त को इसकी चौथी वर्षगांठ पर पूर्व मुख्यमंत्री और पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने दावा किया कि उन्हें और पांच अन्य नेताओं को नजरबंद कर दिया गया.

 

महबूबा ने ट्वीट करते हुए लिखा 'आज मुझे और मेरी पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं को नजरबंद कर दिया गया. आधी रात को पुलिस द्वारा पार्टी के कई लोगों को अवैध तरीके से हिरासत में लिए जाने के बाद शनिवार को यह कार्रवाई की गई. सुप्रीम कोर्ट में (जम्मू कश्मीर में) हालात सामान्य होने के बारे में भारत सरकार के झूठे दावों का मानसिक उन्माद से प्रेरित उसके कार्यों से पर्दाफाश हो गया है.'

पीडीपी प्रमुख ने कहा, 'एक तरफ पूरे श्रीनगर में कश्मीर के लोगों से अनुच्छेद-370 के निरस्त होने का जश्न मनाने का आह्वान करने वाले बड़े-बड़े बैनर लगाए गए हैं, जबकि दूसरी ओर लोगों की वास्तविक भावना को दबाने के लिए बल प्रयोग किया जा रहा है.' First Updated : Monday, 07 August 2023