'पड़ोसी हमेशा पहेली होते हैं', विदेश मंत्री ने चीन को बताया 'दोहरी पहेली', उदाहरण देकर समझाया पूरा गणित

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को अपने एक बयान में कहा कि पाकिस्तान के साथ निर्बाध वार्ता का युग समाप्त हो गया है. उनका ये बयान पाकिस्तान द्वारा पीएम मोदी को मिले न्योता के बाद सामने आया है. साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि दुनिया का कोई भी देश अपने पड़ोसियों के साथ चुनौतियों से मुक्त नहीं है, क्योंकि निकटता की प्रकृति ही अवसर और जटिलताएं दोनों लेकर आती है.

JBT Desk
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भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन को दोहरी पहेली बताया. उन्होंने कहा कि धारा 370 खत्म होने  के बाद अब नए रिश्तों की कल्पना की जा सकती है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को इस बात पर भी जोर दिया कि दुनिया का किसी भी देश के लिए हमेशा पहेली होते हैं खासकर प्रमुख शक्तियां. इस दौरान उन्होंने चीन को दोहरी पहेली बताते हुए कहा कि वह पड़ोसी है और प्रमुख शक्ति है. इसलिए चीन का उदाहरण इस मामले में डबल फिट होता है. इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि भारत चुप नहीं बैठेगा और हर स्थिति पर अपनी प्रतिक्रिया देगा. पाकिस्तान को लेकर उन्होंने कहा कि उसके साथ बातचीत का दौर खत्म हो गया है.

राजदूत राजीव सीकरी की पुस्तक स्ट्रेटेजिक कॉनड्रम्स रीशेपिंग इंडियाज फॉरेन पॉलिसी के विमोचन के अवसर पर बोलते हुए जयशंकर ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करना अंतिम निर्णय है. विदेश मंत्री ने कहा, 'कार्रवाई के परिणाम होते हैं और जहां तक ​​जम्मू-कश्मीर का सवाल है, मुझे लगता है कि (अनुच्छेद) 370 खत्म हो चुका है. इसलिए आज मुद्दा यह है कि हम पाकिस्तान के साथ किस तरह के रिश्ते पर विचार कर सकते हैं.'

बांग्लादेश के साथ संबंधों पर कही ये बात

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, 'मैं यह कहना चाहता हूं कि हम निष्क्रिय नहीं हैं, और चाहे घटनाएं सकारात्मक या नकारात्मक दिशा में हों, हम किसी भी तरह प्रतिक्रिया करेंगे.' बांग्लादेश के साथ संबंधों पर जयशंकर ने देश के सामरिक महत्व को स्वीकार करते हुए इसे 'भारत से घिरा हुआ' बताया और लोगों के बीच मजबूत संबंधों पर प्रकाश डाला. विदेश मंत्री ने कहा कि हमें यह स्वीकार करना होगा कि वहां सत्ता का परिवर्तन हो चुका है. 

पड़ोसी हमेशा एक पहेली होते हैं- एस जयशंकर

एस जयशंकर ने यह भी कहा कि दुनिया के किसी भी देश के लिए पड़ोसी हमेशा एक पहेली होते हैं और इसी तरह बड़ी शक्तियां भी. उन्होंने कहा कि प्रमुख शक्तियां एक पहेली होंगी क्योंकि वे प्रमुख हैं, क्योंकि उनके हितों की व्यापकता है. उनके पास हमेशा एक एजेंडा होगा, जो हमारे साथ ओवरलैप होगा, लेकिन अलग-अलग डिग्री पर, अलग भी होगा.

चीन को बताया दोहरी पहेली

चीन के मामले में आपके सामने "दोहरी पहेली" है, क्योंकि वह एक पड़ोसी और एक बड़ी शक्ति है. इसलिए, चीन के साथ चुनौतियां इस दोहरी परिभाषा में फिट बैठती हैं. विदेश मंत्री ने म्यांमार, श्रीलंका और मालदीव के साथ संबंधों की जटिलताओं पर भी चर्चा की और कहा कि हालांकि इन संबंधों में उतार-चढ़ाव आए हैं, लेकिन ये क्षेत्रीय स्थिरता और सहयोग के लिए महत्वपूर्ण हैं.

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30 August 2024, 09:02 PM IST

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