5 साल पहले खत्म हुआ था जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370, जानिए अब कैसे हैं वहां के हालात
ABROGATION OF ARTICLE 370: केंद्र सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया. इस घटना को सोमवार को 5 पांच साल पूरे हो चुके हैं. इस दौरान जम्मू कश्मीर में कई बदलाव आए. विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के पहले 4 साल घाटी में आतंकी गतिविधियों और भाई-भतीजावाद में भारी गिरावट आई.
ABROGATION OF ARTICLE 370: 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू- कशमीर से अनुच्छेद 370 हटाकर विशेष दर्जा खत्म कर दिया था. राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया था. इस घटना को आज पांच साल पूरे हो गए हैं. इस दौरान जम्मू-कश्मीर में कई बदलाव आए. विशेष दर्ज खत्म किए जाने के पहले 4 साल घाटी में आतंकी गतिविधियों और नेपोटिज़्म में भारी गिरावट आई है.
घाटी में इंटरनेट और फोन सेवाएं निलंबित कर दी गईं और महीनों तक कर्फ्यू जैसे हालात रहे, जबकि कार्यकर्ताओं और विपक्षी सदस्यों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसने आखिरकार पिछले साल इस कदम को बरकरार रखा.
जम्मू में होने वाले हैं विधानसभा चुनाव
अब एक बार जम्मू-कश्मीर में पहली बार विधानसभा चुनाव की दहलीज पर खड़ा है. अदालत ने 30 सितंबर की समयसीमा तय कर दी है. इस क्षेत्र में प्रतिक्रिया निश्चित रूप से मिश्रित है. केंद्र सरकार का मानना है कि उसने स्थानीय राजनीति को सही तरीके से पेश किया है. चरमपंथियों को हटाया और आतंकवाद और पत्थरबाजी पर लगाम लगाई, आरक्षण की रक्षा की और रोजगार का विस्तार किया, साथ ही पर्यटन को बढ़ावा दिया और बुनियादी ढांचे का निर्माण किया.
पांच सालों में बदला जम्मू-कश्मीर का हाल
इन पांच सालों में विपक्ष और नागरिक समाज के सदस्यों का तर्क है कि मानवाधिकारों को कुचला गया, आतंकवाद खत्म नहीं हुआ बल्कि नए रूप ले लिया और पर्यटन की संख्या उस जमीनी भावना को छिपाती है जो अनुच्छेद 370 को हटाने और राज्य का दर्जा छीनने के खिलाफ़ बनी हुई है. क्षेत्र ऐतिहासिक बदलावों के पांच साल पूरे कर चुकाहै और संसदीय चुनावों में रिकॉर्ड तोड़ मतदान के कुछ ही महीने बाद स्थानीय चुनावों की ओर देख रहा है.
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने बताया हाल
इस बीच जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 5 अगस्त से पहले कहा कि सरकार ने जम्मू-कश्मीर में शांति और विकास लाया है और यह सुनिश्चित किया है कि स्कूल और कॉलेज, अस्पताल और व्यवसाय जैसे सभी संस्थान साल के 365 दिन अपनी सामान्य दिनचर्या के साथ चलते रहें. इसके साथ ही कहा कि चुनावों को लेकर कोई संदेह नहीं होना चाहिए. प्रधानमंत्री ने हाल ही में कहा है कि विधानसभा चुनाव जल्द से जल्द होंगे. मैं चुनी हुई सरकार के साथ एक अच्छा संतुलन बनाने और सुचारू कामकाज सुनिश्चित करने के लिए काम करूंगा.