पंजाब के विधायकों-मंत्रियों को केजरीवाल ने क्यों बुलाया दिल्ली? CM भगवंत मान ने किया खुलासा
आम आदमी पार्टी (AAP) के सूत्रों ने कहा कि यह बैठक दिल्ली विधानसभा चुनावों पर चर्चा और पंजाब के नेताओं की प्रतिक्रिया जानने के लिए थी, जिन्होंने चुनाव में सक्रिय रूप से प्रचार किया था. हालांकि, इस बैठक के आयोजन से यह भी संकेत मिलते हैं कि पार्टी में आंतरिक असंतोष बढ़ रहा है.

Aam Aadmi Party: अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में पंजाब के विधायकों और मंत्रियों को दिल्ली बुलाया, जब पंजाब सरकार की कैबिनेट की बैठक पिछले पांच महीने से टल रही थी. इस बैठक में केवल आधे घंटे की बातचीत हुई, जिससे सवाल उठने लगे कि केजरीवाल ने इस बैठक का आयोजन क्यों किया और इसके पीछे उनका उद्देश्य क्या था.
पार्टी के भीतर बढ़ते असंतोष की चर्चा के बीच, भाजपा और कांग्रेस ने यह दावा किया कि केजरीवाल पंजाब में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहते हैं. विपक्षी नेताओं का यह कहना है कि केजरीवाल पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को हटाना चाहते हैं. यह मुद्दा तब और तूल पकड़ता है जब राज्य सरकार ने पांच महीने बाद कैबिनेट बैठक बुलाने का फैसला किया. विपक्ष का आरोप है कि राज्य में कई महत्वपूर्ण मुद्दे जैसे नशा, कानून व्यवस्था और वित्तीय संकट नजरअंदाज किए जा रहे हैं.
हम दिल्ली के अनुभव का इस्तेमाल पंजाब में करेंगे - भगवंत मानpic.twitter.com/PqYUtuqIz6
— Avdhesh Pareek (@Zinda_Avdhesh) February 11, 2025
क्या भगवंतमान को हटाने की चल रही कोशिश
पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार की स्थिति मजबूत दिखती है, क्योंकि पार्टी के पास 117 सदस्यीय विधानसभा में 92 सीटें हैं. हालांकि, पार्टी के अंदर जो आंतरिक दबाव है, वह केजरीवाल को यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या वह पंजाब में अपनी सत्ता को और मजबूत करने के लिए भगवंत मान को हटाने की योजना बना रहे हैं. इसके अलावा, अरविंद केजरीवाल के बारे में यह भी चर्चा हो रही है कि क्या वह पंजाब में मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं, क्योंकि दिल्ली में उनके पास सीमित पावर है.
विपक्षियों का आरोप
इस बीच, विपक्षी नेताओं का कहना है कि केजरीवाल पंजाब में मुख्यमंत्री पद से भगवंत मान को हटाने की रणनीति बना रहे हैं. उनका मानना है कि राज्य में शराब, रेत, और खनन माफिया जैसे मुद्दे सुलझाने में पंजाब सरकार नाकाम रही है. ऐसे में केजरीवाल की ओर से दिल्ली में यह बैठक बुलाने को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं.
भीतरघात की आशंका
इस पूरे घटनाक्रम से यह साफ है कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार को लेकर कोई न कोई बदलाव हो सकता है. अरविंद केजरीवाल की इस बैठक से यह भी संकेत मिलते हैं कि पार्टी में भीतरघात के कारण स्थिति में कुछ बदलाव की संभावना है. हालांकि, फिलहाल आम आदमी पार्टी की स्थिति पंजाब में मजबूत नजर आती है, लेकिन भविष्य में यह देखने की बात होगी कि क्या केजरीवाल पार्टी के भीतर के असंतोष को संभालने में सफल होते हैं और पंजाब में अपने मुख्यमंत्री की भूमिका को लेकर कोई निर्णय लेते हैं.