अरविंद केजरीवाल ने INDIA गठबंधन को दिया झटका, दिल्ली में अकेले लड़ेगी AAP
अरविंद केजरीवाल के ऐलान से इंडिया गठबंधन को बड़ा झटका लगा है. केजरीवाल ने अगले साल दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव में अकेले लड़ने का ऐलान कर दिया है. इससे कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव आम आदमी पार्टी के साथ मिलकर लड़ा था.
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनावों में किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे. केजरीवाल के इस ऐलान से इंडिया गठबंधन को बड़ा झटका लगा है.
केजरीवाल की यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब राष्ट्रीय राजधानी में अगले साल की शुरुआत में होने वाले चुनावों से पहले राजनीतिक माहौल गरमा गया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव 70 सदस्यीय विधानसभा के भाग्य का फैसला करेंगे, जहां सत्तारूढ़ आप के पास फिलहाल 62 सीटें हैं। केजरीवाल ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘आप दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए कोई गठबंधन नहीं करेगी।’’
बता दें कि दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों पर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा था. AAP ने 4 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. वहीं कांग्रेस ने तीन सीटों पर अपने प्रत्याशियों को खड़ा किया था. लेकिन यह गठबंधन ज्यादा कमाल नहीं दिखा सका और बुरी हार का सामना करना पड़ा.
2013 में AAP ने लड़ा पहली बार चुनाव
साल 2012 में आम आदमी पार्टी का गठन हुआ और 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में AAP ने पहली बार चुनाव लड़ा. 70 विधानसभा सीटों में से AAP को 28 सीटों पर जीत मिली. तब कांग्रेस के सहयोग से अरविंद केजरीवाल पहली बार मुख्यमंत्री बने. लेकिन यह सरकार ज्यादा दिन नहीं चली, 49 दिन में अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफा दे दिया था.
2015 में हासिल की सबसे बड़ी जीत
दिल्ली में करीब डेढ़ साल के राष्ट्रपति शासन के बाद 2015 में विधानसभा के चुनाव हुए. इस बार अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने एकतरफा जीत हासिल करते हुए 67 सीटों पर कब्जा जमाया. बीजेपी को सिर्फ 3 सीटें ही मिलीं,जबकि कांग्रेस के खाते में एक भी सीट नहीं आई.
2020 में भी मिली प्रचंड जीत
अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी को फरवरी 2020 में हुए विधानसभा चुनावों में भी प्रचंड जीत मिली थी. AAP ने 70 में से 62 सीटों पर जीत हासिल कर सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे. वीजेपी को सिर्फ 8 सीटें ही मिली, कांग्रेस के खाते में एक बार फिर कुछ नहीं आया. लेकिन 2025 में AAP की राह थोड़ी मुश्किल भरी लग रही है.