'AAP' की मुस्लिम समुदाय से जुड़ी मुश्किलें बढ़ी, केरजीवाल ने 'कुरान' का अपमान करने वाले को दी टिकट
Delhi Politics: एक तरफ दिल्ली में चुनाव से पहले आप नेता नरेश यादव पर 'कुरान' के अपमान का आरोप लगा है, वहीं मुस्लिम बहुल सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने नरेश यादव को टिकट दिए जाने को 'मुसलमानों के मुंह पर तमाचा' बताकर आप की घेराबंदी तेज कर दी है.
Delhi Election 2024: दिल्ली में एक तरफ जहां चुनावी माहौल गरम है, वहीं दूसरी तरफ मुस्लिम समुदाय में आप पार्टी के खिलाफ गुस्सा है. बता दें कि आम आदमी पार्टी के नेता नरेश यादव पर 'कुरान' का अपमान करने का आरोप लगा है, जिसके चलते आप पार्टी कि मुश्किलें बढ़ती दिख रही है. दरअसल दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) ने 70 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. हालांकि, महरौली से आप के मौजूदा विधायक नरेश यादव को टिकट दिए जाने पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. हाल ही में पंजाब के मालेरकोटला कोर्ट ने यादव को 'कुरान' के अपमान के मामले में दोषी ठहराते हुए 2 साल की सजा और 11 हजार रुपये का जुर्माना सुनाया था. इसके बावजूद, 'आप' ने नरेश यादव को टिकट देकर विपक्षी पार्टियों को हमला करने का मौका दे दिया है.
कुरान अपमान मामला
आपको बता दें कि यह विवाद 2016 में शुरू हुआ था जब मालेरकोटला में कुरान के कुछ पन्ने फटे हुए पाए गए थे. शुरुआती जांच में विजय, गौरव और किशोर नामक व्यक्तियों पर मामला दर्ज हुआ, लेकिन बाद में नरेश यादव को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया. मार्च 2021 में एक निचली अदालत ने यादव को बरी कर दिया था. इसके खिलाफ शिकायतकर्ता मोहम्मद अशरफ ने अपील की, जिसके बाद नवंबर 2023 में उन्हें दोषी ठहराया गया.
एआईएमआईएम का तीखा विरोध
वहीं आपको बता दें कि ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम इस मामले को दिल्ली के मुस्लिम समुदाय में जोर-शोर से उठा रही है. पार्टी के दिल्ली अध्यक्ष शोएब जमई ने आरोप लगाया कि यह मुसलमानों के साथ अन्याय है. उन्होंने कहा, ''आम आदमी पार्टी ने ऐसे व्यक्ति को टिकट दिया, जिसे इस्लाम के अपमान के लिए सजा सुनाई गई. यह मुसलमानों की गाल पर तमाचा है.''
क्या मुस्लिम वोटबैंक खिसकेगा?
इसके अलावा आपको बता दें कि दिल्ली में पिछले दो चुनावों में ‘आप’ को मुस्लिम बहुल सीटों पर भारी समर्थन मिला था, लेकिन इस बार एआईएमआईएम और भाजपा दोनों इस मुद्दे को भुनाने में जुट गई हैं. एआईएमआईएम, 'आप' के मुस्लिम वोटबैंक में सेंध लगाने की कोशिश कर रही है, जबकि भाजपा ने भी इसे चुनावी मुद्दा बना लिया है.