Asaduddin Owaisi: केंद्र ने कुछ दिन पहले ही CAA लागू कर दिया है, ऐसे में कई जगह पर इसका विरोध भी हुआ. अब इसी कड़ी में एक बार फिर से ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन प्रमुख का नाम जुड़ गया है. असदुद्दीन ओवैसी ने कानून बनने के बाद भी इसकी मुखालफत की थी. अब एक बार फिर से औवेसी इसको लेकर एक्शन में नजर आ रहे हैं. शनिवार को औवैसी ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) पर रोक लगाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया.
ये पहली बार नहीं है जब ओवैसी कोई मुद्दा सुप्रीम कोर्ट तक लेकर गए हैं, इससे पहले भी औवेसी NRC का मुद्दा भी SC के सामने उठाया था. आज दायर की गई याचिका में ओवैसी ने मांग की है कि CAA के कार्यान्वयन पर रोक लगाई जाए. इसके साथ ही औवैसी का कहना है कि CAA के बाद अभी NRC भी लाया जाएगा, और ये दोनों ही मुसलमानों के लिए सही नहीं हैं. ओवैसी का कहना है कि इनको लागू करने के बाद मुसलमानों को निशाना बनाया जाएगा.
असदुद्दीन ओवैसी ने दी गई याचिका में इल्जाम लगाया कि CAA का काम केवल नागरिकाता देना नहीं है, बल्कि, नागरिकता से इनकार करने के बाद चुनिंदा कार्रवाई के लिए एक अल्पसंख्यक समुदाय को अलग-थलग कर देना है. ओवैसी ने अपील करते हुए कहा कि इन कार्यवाहियों के लंबित रहने के दौरान, किसी भी व्यक्ति को नागरिकता अधिनियम, 1955 (नागरिकता अधिनियम द्वारा संशोधित) की धारा 2(1)(बी) के प्रावधानों का सहारा लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
इसके अलावा याचिका लिखा गया कि ये नया कानून आर्टिकल 14, 25 और 21 का भी उल्लंघन माना जाएगा. ओवैसी ने कहा कि जब तक ये मामला पूरी तरह से खत्म नहीं हो जाता, यानी इसकी सुनवाई के खत्म होने तक इसको लागू ना किया जाए. First Updated : Saturday, 16 March 2024