NCRT में बदलाव पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को एनसीईआरटी की आलोचना की है. दरअसल NCRT ने पाठ्यपुस्तकों में अयोध्या में बाबरी मस्जिद से संबंधित संदर्भों को संशोधित किया है, जिसे 6 दिसंबर 1992 को 'कार सेवकों' ने ध्वस्त कर दिया था.
एनसीईआरटी एक बार फिर नए विवाद में फंस गई है, क्योंकि उसने 12वीं कक्षा की पॉलिटिकल साइंस की पाठ्यपुस्तक में संशोधन करते हुए "बाबरी मस्जिद" शब्द को हटा दिया है, जिसे अब नए संस्करण में "तीन गुंबद वाली संरचना" के रूप में बताया गया है. इस बदलाव को लेकर काफी विरोध हो रहा है. इस मामले में अब असदुद्दीन ओवैसी ने भी अपनी चुप्पी तोड़ी है.
उन्होंने ट्वीट किया, "NCERT ने बाबरी मस्जिद की जगह "तीन गुंबद वाली संरचना" शब्द लिखने का फैसला किया है. इसने अयोध्या के फैसले को "सर्वसम्मति" का उदाहरण बताने का भी फैसला किया है. भारत के बच्चों को पता होना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद के विध्वंस को "घोर आपराधिक कृत्य" कहा है. भारत के बच्चों को पता होना चाहिए कि 1949 में एक चालू मस्जिद को अपवित्र किया गया और फिर 1992 में भीड़ ने उसे ध्वस्त कर दिया. उन्हें आपराधिक कृत्यों का महिमामंडन करते हुए बड़ा नहीं होना चाहिए."
बता दें कि एनसीईआरटी ने अयोध्या खंड को चार पार्ट से घटाकर दो पार्ट में कर दिया है. साथ ही पहले संस्करण से डिटेल्स को भी हटा दिया है. इसके साथ ही गुजरात के सोमनाथ से अयोध्या तक भाजपा की 'रथयात्रा', कारसेवकों' की भूमिका, बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद सांप्रदायिक हिंसा, भाजपा शासित राज्यों में राष्ट्रपति शासन, और भाजपा द्वारा "अयोध्या की घटनाओं पर खेद व्यक्त करना शामिल है. First Updated : Tuesday, 18 June 2024