असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने मुस्लिम स्वामित्व वाले एक विश्वविद्यालय का विरोध किया है. इसका नाम यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी मेघालय (USTM) है. असम सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि इस यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले मुस्लिम छात्रों को सरकारी नौकरियों के लिए अयोग्य करार दिया जाए. इस महीने में बंगाली-मुस्लिम महबूब उल हक को सीएम बिस्वा के कई हमलों का सामना करना पड़ा है. हाल ही में असम सीएम ने उन पर आरोप लगाया गया है कि परिसर के निर्माण के लिए वनों की कटाई और पहाड़ काटने के कारण गुवाहाटी में अचानक बाढ़ आई है.
अगले दो महीने के भीतर राज्य में डोमिसाइल पॉलिसी लागू होने जा रही है. इस पॉलिसी को असम में लागू करने का उद्देश्य केवल राज्य में जन्मे लोगों को ही राज्य सरकार की नौकरियों के लिए पात्र बनाना है. बता दें कि उन्होंने USTM यूनिवर्सिटी की संरचना पर भी आपत्ति जताई और कहा कि विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार की वास्तुकला, जिसमें तीन गुंबद हैं, 'जिहाद' का संकेत है.
बुधवार को मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, 'अब हम इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि USTM से पास हुए छात्र असम में विज्ञापित पदों में भाग नहीं ले सकते. यह दूसरे राज्य का सर्टिफिकेट है. इसकी वजह से गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ यूनिवर्सिटी के हमारे छात्र परेशान हैं. इसलिए मैंने कानूनी विभाग से इस बात की जांच करने को कहा है कि अगर USTM के छात्र असम में नौकरी करना चाहते हैं तो उन्हें एक और परीक्षा देनी होगी. सिर्फ़ यूएसटीएम ही नहीं बल्कि पश्चिम बंगाल , कर्नाटक , महाराष्ट्र , सभी बाहरी यूनिवर्सिटी के छात्र को ये परीक्षा देनी होगी'. उन्होंने कहा कि यूएसटीएम के खिलाफ मेरा गुस्सा थोड़ा ज्यादा है क्योंकि वे हमारे ऊपर पानी फेंक रहे हैं.
यूएसटीएम के तहत मेडिकल कॉलेज के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा, "वे एक ऐसा मेडिकल कॉलेज बना रहे हैं, जिसमें कोई मरीज नहीं है. नेशनल मेडिकल काउंसिल के निरीक्षण के दौरान उन्होंने कुछ फर्जी मरीज दिखाए. जिस दिन मेडिकल कॉलेज बन जाएगा, वे जीएमसीएच को बर्बाद करने का काम करेंगे. असम के छात्रों के विश्वविद्यालय में पढ़ने के बारे में पूछे जाने पर सरमा ने कहा, "असमिया छात्रों को वहां नहीं पढ़ना चाहिए. वहां वे पढ़ाई के लिए पैसे देंगे, यहां वे मुफ्त में पढ़ सकते हैं. अगर जरूरत पड़ी तो मैं गुवाहाटी विश्वविद्यालय में सीटें बढ़ाऊंगा. असम के मुख्यमंत्री ने कहा, "यूएसटीएम ने हमें जो चुनौती दी है, वह हिमंत बिस्वा सरमा और असम के लोगों के लिए चुनौती है. इसलिए जब मुझे मौका मिलेगा तो मैं भी उचित कदम उठाऊंगा.
हिमंत बिस्वा ने असम में एक कानून लागू करने की भी बात कही जिसमें 'लव जिहाद' मामलों में आजीवन कारावास का प्रावधान होगा. हिमंत बिस्व सरमा ने आगे कहा कि असम सरकार जल्द ही एक कानून भी लाएगी जिसमें 'लव जिहाद' मामलों में आजीवन कारावास का प्रावधान होगा. शर्मा ने कहा है कि राज्य सरकार मुस्लिम लोगों के विवाह और तलाक के अनिवार्य सरकारी पंजीकरण के लिए विधानसभा के आगामी सत्र में एक विधेयक पेश करेगी. यह सत्र बृहस्पतिवार से शुरू हो रहा. First Updated : Thursday, 22 August 2024