असम सरकार ने हाल ही में बड़े स्तर पर राज्य में बाल विवाह अभियान चलाया था। जिसके तहत 14 से 18 साल कीम लड़कियों की शादी करवाने पर कार्रवाई की गई थी। अब असर सरकार विवाह नियमों को लेकर एक बार फिर चर्चा में छाई हुई है। दरअसल असल के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने 9 मई, 2023 को घोषण की कि वो असम सरकार प्रदेश में बहुविवाह पर रोक लगाएगी।
सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट कर कहा कि इसके लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा। जो यह पता लगाएगी कि क्या विधानसभा को राज्य में बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार है या नहीं?
सीएम बिस्वा ने कहा कि असम सरकार जिस कमेटी का गठन करेगी। वो भारतीय संविधान के आर्टिकल 25, संविधान में दिए राज्य के नीति निदेशक तत्व और मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) एक्ट 1937 के प्रावधानों का अध्ययन करेगी। सभी का अच्छी तरह अध्ययन किया जाएगा। ताकि सही फैसला लिया जा सके।
बता दें कि 6 मई को कार्नाटक के कोडागु जिले के शनिवारासंथे में सीएम सरमा एक रोड शो करने गए थे। जहां उन्होंने अपने संबोधन में कहा था कि वो असम में समान नागरिक संहिता को लागू करना आवश्यक है। जिससे पुरुष 4-4 विवाह करने और महिलाओं को बच्चा पैदा करने की मशीन समझने की प्रथा पर रोक लगाई जा सके।
आईपीसी की धारा 494 के तहत अगर पति पत्नी जिंदा होने के बद भी दूसरी शादी करें तो यह कानूनी अपराध है। धारा 494 के अनुसार पहली पति और पत्नी के जिंदा रहते की हुई शादी मान्य नहीं होगी। अगर कोई इन नियमों का उल्लंघन करता है तो उसे जेल हो सकती है। साथ ही 7 साल की सजा हो सकती है और दोषी पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
वहीं अगर पति-पत्नी में से किसी एक ने शादी के संबंध को छोड़ और सात साल तक उसका कोई अता-पता नहीं तो ऐसे में पति या पत्नी किसी और से शादी कर सकते हैं। वहीं इसी धारा के तहत मुस्लिम पुरुषों को एक से ज्यादा शादी करने की छूट दी गई है। First Updated : Friday, 12 May 2023