BJP पर हमला बोलते हुए उद्धव ठाकरे ने पूछा बड़ा सवाल, 'क्या BJP-RSS अमित शाह पर कार्रवाई करेंगे?'
राज्यसभा में डॉ. भीमराव अंबेडकर से जुड़े गृह मंत्री अमित शाह के बयान को लेकर विपक्ष हमलावर है. इसी कड़ी में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी बीजेपी पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि 'बीजेपी के लोग ढाई-तीन साल से महापुरुषों का अपमान कर रहे हैं, अब ये बर्दाश्त से बाहर है.'
Maharashtra Politics: संसद में संविधान पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. इस विवाद पर शिवसेना-यूबीटी प्रमुख और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. ठाकरे ने शाह के बयान को बाबा साहेब आंबेडकर का अपमान बताया और बीजेपी-आरएसएस से सवाल किया कि क्या वे अमित शाह पर कोई कार्रवाई करेंगे.
'आंबेडकर का अपमान मंजूर नहीं' - उद्धव ठाकरे
आपको बता दें कि उद्धव ठाकरे ने कहा, "जिस तरीके से अमित शाह ने आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर कहा, वह अस्वीकार्य है. बाबा साहेब जिन्होंने हमें संविधान दिया, उनका अपमान हम बर्दाश्त नहीं करेंगे. क्या बीजेपी या आरएसएस अमित शाह पर कार्रवाई करेंगे? मुझे नहीं लगता कि उन्होंने यह बयान किसी निर्देश पर दिया होगा. लेकिन प्रधानमंत्री को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या यह बयान उनके समर्थन से दिया गया है.''
VIDEO | Here's what Shiv Sena (UBT) Uddhav Thackeray (@uddhavthackeray) on Union Home Minister Amit Shah's Ambedkar remark in Rajya Sabha.
— Press Trust of India (@PTI_News) December 18, 2024
"We will have to see whether the BJP or RSS take any action against Amit Shah. Did they ask Amit Shah to say such things? Parties, which… pic.twitter.com/4ktO1jJWWS
बीजेपी पर हिंदुत्व के नाम पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप
वहीं आपको बता दें कि उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, ''मुंह में राम, बगल में छुरी, यही इनका हिंदुत्व है. महाराष्ट्र में इनका कुछ नहीं बचा, इसलिए ये यहां तोड़फोड़ कर रहे हैं और चीजें गुजरात ले जा रहे हैं. वन नेशन, वन इलेक्शन की बात छोड़िए, पहले बाबा साहेब आंबेडकर के अपमान का जवाब दीजिए.''
अमित शाह का बयान और विवाद की वजह
इसके अलावा आपको बता दें कि अमित शाह ने राज्यसभा में कहा था, ''आजकल फैशन हो गया है, आंबेडकर-आंबेडकर कहते हैं. इतना नाम भगवान का लेते तो सात जन्म तक स्वर्ग मिलता.'' विपक्षी दलों ने इसे आंबेडकर का अपमान करार दिया. शाह ने यह भी कहा था, ''लोग आंबेडकर का नाम लेते हैं, यह अच्छा है, लेकिन उनके प्रति आपका भाव क्या है? आंबेडकर को कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा था क्योंकि उन्हें भेदभाव और विदेश नीति से असहमति थी.''