अजमेर में कानपुर जैसी घटना: पटरी से ट्रेन उतारने की साजिश, सीमेंट ब्लॉक से फैलानी थी तबाही
इंडियन रेल करोड़ों भारतीयों की लाइफ लाइन है. पर्दे के पीछे कोई दुश्मन है, जो ट्रेनों को बार-बार टारगेट कर रहा है. कोई तो है जो रेल से मौत के खेल की साजिश रच रहा है. कानपुर से लेकर अजमेर तक में ट्रेन को बेपटरी करने की बड़ी साजिश सामने आई है. कानपुर में रेलवे ट्रैक पर सिलेंडर मिलने के बाद अब राजस्थान के अजमेर जिले में रेलवे ट्रैक पर अलग-अलग जगहों पर करीब एक क्विंटल के सीमेंट ब्लॉक मिले हैं.
Train Accident News: देश भर में ट्रेन हादसे काफी ज्यादा बढ़ गए हैं. कल ही यूपी में एक बड़ा हादसा होते-होते टला. इस बीच एक बार फिर से राजस्थान के अजमेर जिले में भी ऐसा ही मामला देखने को मिला है. दरअसल वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की पटरियों पर दो सीमेंट ब्लॉक रखकर एक मालगाड़ी को पटरी से उतारने की कोशिश की गई. रेलवे अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि एक मालगाड़ी ब्लॉक से टकराई, जिनमें से प्रत्येक का वजन करीब 70 किलोग्राम था, लेकिन कोई अप्रिय घटना नहीं हुई.
उत्तर पश्चिम रेलवे के एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि रविवार को कुछ बदमाशों ने डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की पटरियों पर दो सीमेंट के ब्लॉक रख दिए. एक मालगाड़ी ने उन्हें टक्कर मार दी. यह घटना फुलेरा-अहमदाबाद खंड पर पश्चिमी समर्पित मालवाहक गलियारे के सराधना और बांगड़ स्टेशनों के बीच हुई. रिपोर्ट के अनुसार, मालवाहक गलियारे के एक अधिकारी ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है और मामले की जांच की जा रही है.
उत्तर प्रदेश के कानपुर में रेल घटना
इससे पहले की घटना उत्तर प्रदेश के कानपुर में भिवानी-प्रयागराज कालिंदी एक्सप्रेस को पटरी से उतारने के इसी तरह के प्रयास के एक दिन बाद हुई है, जिसमें पटरियों पर एलपीजी सिलेंडर, पेट्रोल की एक बोतल और माचिस रख दी गई थी. पुलिस ने बताया कि इसी तरह की एक घटना में एक सतर्क लोको पायलट की वजह से एक बड़ा रेल हादसा टल गया, क्योंकि भिवानी-प्रयागराज कालिंदी एक्सप्रेस कानपुर में पटरी पर रखे एलपीजी सिलेंडर से टकराने के बाद रुक गई.
एनआईए सहित कई एजेंसियों की टीमें गठित
यह घटना रविवार रात करीब 8.20 बजे हुई जब भिवानी जाने वाली ट्रेन तेज गति से चल रही थी. अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है और मामले की जांच के लिए उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) और एनआईए सहित कई एजेंसियों की टीमें गठित की गई हैं. कानपुर पुलिस ने इस मामले के सिलसिले में दो स्थानीय हिस्ट्रीशीटरों सहित छह लोगों को हिरासत में लिया और एक विशेष जांच दल गठित करने का निर्णय लिया. यह भी अध्ययन किया जाएगा कि क्या कानपुर में हाल ही में हुई साबरमती एक्सप्रेस दुर्घटना से इसमें कोई समानता है.