सावधान! अनजान कॉल से हो रहा है डिजिटल ठगी का खतरा, जानें कैसे रहेंगे सुरक्षित
आजकल ठग नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को ठग रहे हैं, खासकर बुजुर्गों को. हालिया मामले में एक रिटायर्ड व्यक्ति ने ऑनलाइन ठगी का शिकार होते हुए लाखों रुपये गंवा दिए. ठग पुलिस बनकर कॉल करते हैं और बच्चों के संकट का बहाना बनाते हैं. जानिए कैसे पहचानें इन ठगों को और क्या करें खुद को सुरक्षित रखने के लिए. पूरी जानकारी के लिए पढ़ें हमारी खास रिपोर्ट!
Danger Of Digital Fraud: आजकल तकनीक ने ठगों को कई नए तरीके दिए हैं. पहले बच्चे अपने माता-पिता को समझाते थे कि अनजान लोगों से सावधान रहें, लेकिन अब यही सलाह माता-पिता को अपने बड़े-बूढ़ों को देनी पड़ रही है. अनजान ऑडियो और वीडियो कॉल पर पैसे मांगने वाले ठगों से बचने के लिए हमें सतर्क रहना होगा.
ग्रेटर नोएडा में रहने वाले 72 वर्षीय हरिशरण निगम हाल ही में एक ठगी का शिकार हुए. उन्होंने कानपुर नगर निगम का नंबर गूगल पर खोजा और एक व्यक्ति से संपर्क किया, जिसने कहा कि एक छोटी सी ऑनलाइन पेमेंट कर दीजिए. बस, इसी बहाने हरिशरण जी के खाते से 94 हजार रुपये उड़ गए. यह घटना हमें बताती है कि हमें कितनी सतर्कता बरतने की जरूरत है.
डिजिटल अरेस्ट का फंदा
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ मुकेश चौधरी के अनुसार, 'डिजिटल अरेस्ट' नाम का कोई कानून नहीं है. ठग लोग सोशल इंजीनियरिंग का इस्तेमाल कर आपको डराने और लालच देने की कोशिश करते हैं. वे आपको पुलिस बनकर फोन करते हैं और कहते हैं कि आपका बच्चा किसी मामले में फंस गया है.
कोरियर और फोन कॉल से बचें
कुछ ठग कोरियर के नाम पर भी धोखा देते हैं. वे कहते हैं कि आपका पार्सल पकड़ा गया है और आपको पुलिस से बात करनी होगी. ऐसे में यदि आप घबरा जाते हैं और वीडियो कॉल करने के लिए कहते हैं तो ठग आपकी जान पहचान का फायदा उठाकर आपको फंसा सकते हैं.
कैसे करें बचाव?
➤ सही जानकारी रखें: अपने बच्चों की लोकेशन और हालात का पता रखें.
➤ धोखाधड़ी पर ध्यान दें: अगर किसी अनजान नंबर से कॉल आए, तो उसे नजरअंदाज करें.
➤ जानकारी की पुष्टि करें: यदि किसी कॉल में कहा गया कि आपका बच्चा संकट में है, तो पहले उसकी पुष्टि करें.
➤ असामान्य मांग पर सतर्क रहें: यदि कोई आपसे पैसे मांगता है, तो तुरंत अपनी बैंक जानकारी साझा न करें.
रिटायर्ड लोगों को निशाना बनाना
ठग अक्सर रिटायर्ड लोगों को अपना शिकार बनाते हैं, क्योंकि उन्हें डराने पर वे जल्दी विश्वास कर लेते हैं. इस तरह की कॉल में ठग पुलिस और कोर्ट का डर दिखाते हैं, जिससे विक्टिम घबरा जाता है.
वॉयस क्लोनिंग का भ्रम
कुछ लोगों का मानना है कि ठग AI की मदद से बच्चों की आवाज़ नकल कर रहे हैं. लेकिन यह सच नहीं है. ठग सामान्य तौर पर बिना किसी तकनीक के आपकी भावनाओं का फायदा उठाते हैं.
अच्छी सोच अपनाएं
यदि आप ठगी का शिकार हो जाते हैं, तो तुरंत उस नंबर को ब्लॉक करें. अगर आप ठगों से बहस करते हैं तो हो सकता है कि वे आपके नंबर को गलत साइटों पर डाल दें.
सावधानी ही बचाव है
पवन दुग्गल, एक साइबर कानून विशेषज्ञ, बताते हैं कि हर दिन 15 से 20 ऐसे मामले सामने आ रहे हैं. इसलिए सतर्क रहना जरूरी है. जब भी कोई अनजान कॉल आए उसे गंभीरता से लें. आज की दुनिया में सावधानी बरतना ही सबसे बड़ा बचाव है. याद रखें, ठगों की नई रणनीतियों से बचने के लिए हमेशा सचेत रहें. सही जानकारी और समझदारी से ही आप ठगी के फंदे में नहीं फंसेंगे.