Atul Subhash Case: पत्नी निकिता और सास निशा को जमानत, कोर्ट का अहम फैसला
Atul Subhash Case: बंगलूरू के आईटी इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या के मामले में बंगलूरू सिटी सिविल कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है. अदालत ने मामले में पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया और पत्नी के भाई अनुराग सिंघानिया को जमानत दे दी है.
Atul Subhash Case: बेंगलुरु शहर की एक सिविल अदालत ने एक व्यक्ति की पत्नी को जमानत दे दी है.तकनीकी विशेषज्ञ अतुल सुभाष, निकिता सिंघानिया , उनकी माँ निशा सिंघानिया और भाई अनुराग सिंघानिया. पुलिस द्वारा गुरुग्राम से निकिता और प्रयागराज से निशा और अनुराग को गिरफ्तार किए जाने के कुछ सप्ताह बाद यह मामला सामने आया है. बेंगलुरु में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष ने आत्महत्या कर ली और अपनी पत्नी और उसके परिवार पर उसे परेशान करने का आरोप लगाया.
साथ ही उन्होंने 24 पन्नों का सुसाइड नोट और 80 मिनट का एक वीडियो छोड़ा है, जिसमें उन्होंने बताया है कि पिछले कुछ सालों में उन्हें क्या-क्या सहना पड़ा. अतुल ने बताया कि उनकी पत्नी और उनकी मां तलाक की कार्यवाही के दौरान उन पर और उनके परिवार पर पैसे के लिए दबाव डालती हैं. उन्होंने जौनपुर फैमिली कोर्ट के एक जज पर उनका मजाक उड़ाने और मामले में उनका पक्ष न सुनने का भी आरोप लगाया.
बंगलूरू की अदालत ने दिया राहत
इस मामले ने मीडिया का ध्यान खींचा और यहां तक कि जिस फर्म में उनकी पत्नी काम करती थीं, उसे भी एक्स पर टिप्पणियों और प्रतिक्रियाओं को प्रतिबंधित करना पड़ा, क्योंकि उपयोगकर्ताओं ने कई पोस्ट साझा करके उनसे निकिता को हटाने के लिए कहा था.अतुल के पत्र में आरोप लगाया गया है कि उनके बेटे को उनसे छीन लिया गया है और उसकी सास उस पर हँसी.
Atul Subhash की पत्नी और सास को मिली जमानत
अतुल सुभाष अपने बेंगलुरु स्थित घर में फंदे से लटके पाए गए थे. निकिता सिंघानिया, उनकी मां निशा सिंघानिया, भाई अनुराग सिंघानिया और चाचा सुशील सिंघानिया ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी.अग्रिम जमानत की याचिका तब आई जब बेंगलुरु सिटी पुलिस ने निकिता सिंघानिया को समन जारी कर तीन दिन के भीतर पेश होने को कहा. अतुल सुभाष की मौत से एक दिन पहले उनकी पत्नी ने गुरुग्राम में पीजी बुक कराया था
कोर्ट ने निकिता और निशा सिंघानिया को दी जमानत
पुलिस के अनुसार, निकिता सिंघानिया ने 8 दिसंबर को एक पेइंग गेस्ट (पीजी) के साथ शेयरिंग रूम में चेक इन किया था, उसके पति ने आत्महत्या करने से एक दिन पहले. सूत्रों ने बताया कि उसने अपना सामान रखा और उसी शाम वहां से चली गई. उसने 9 दिसंबर से एक महीने का किराया भी दिया और अपने नाम से वहां पंजीकरण भी कराया. सूत्रों का कहना है कि उसका सामान अभी भी वहीं है. हालांकि, सूत्रों का कहना है कि निकिता 8 दिसंबर से लेकर अपनी गिरफ्तारी तक वहां नहीं रही. उसके आने के बाद भी उसका सत्यापन पूरा नहीं हुआ और पीजी से लगातार कॉल आने के बावजूद वह उपलब्ध नहीं हुई. जानकारी के अनुसार, उसने केवल अपना केवाईसी कराया और चली गई.