डिप्टी स्पीकर बनेंगे अयोध्या सांसद? ममता बनर्जी ने सुझाया अवधेश प्रसाद का नाम
Awadhesh Prasad Deputy Speaker: विपक्षी गठबंधन डिप्टी स्पीकर के पद के लिए अड़ा है और कई नामों पर चर्चा भी चल रही है. इस बीच टीएमसी (TMC) ने डिप्टी स्पीकर के पद के लिए फैजाबाद से सांसद अवधेश प्रसाद का नाम आगे बढ़ाया है. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि फैजाबाद सांसद के नाम पर आम सहमति बन सकती है.
Awadhesh Prasad Deputy Speaker: लोकसभा चुनाव के बाद पहले सांसदो का शपथ ग्रहण हो गया है. स्पीकर पद के लिए भी चुनाव हो चुक हैं. लेकिन डिप्टी स्पीकर पद के लिए पक्ष विपक्ष में बहस जारी. इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अयोध्या से नवनिर्वाचित सांसद अवधेश प्रसाद को संसद के डिप्टी स्पीकर के लिए प्रस्तावित किया है. तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के शीर्ष सूत्रों ने पुष्टि की है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ फोन पर इस प्रस्ताव पर चर्चा हुई.
बता दें कि डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को दिया जाता है. हालांकि, ममता बनर्जी ने समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद अवधेश प्रसाद का सुझाव दिया है, जिन्होंने हाल ही में अयोध्या (फैजाबाद) सीट से जीत हासिल की है. अब भाजपा सरकार के लिए एक अलग चुनौती है. यह पद कांग्रेस पार्टी चाहती है. इस बीच मामता बनर्जी ने ये सुझाव देकर सभी को हैरान कर दिया है.
डिप्टी स्पीकर पद के लिए इंडिया अडिग
इंडिया ब्लॉक डिप्टी स्पीकर पद के लिए अपनी मांग पर अड़ा हुआ है. वे इस नियुक्ति को लोकतांत्रिक सिद्धांत के रूप में चाहते हैं. हालांकि, एनडीए सरकार ने बिना चुनाव कराए विपक्ष को यह पद देने की इच्छा जाहिर नहीं की है, जिसके कारण विपक्ष ने अध्यक्ष पद के लिए अपना उम्मीदवार खड़ा किया है.
कौन हैं अवधेश प्रसाद
हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में सपा उम्मीदवार अवधेश प्रसाद ने फैजाबाद सीट पर भाजपा उम्मीदवार लल्लू सिंह को 54,567 मतों से हराकर निर्णायक जीत हासिल की. अवधेश प्रसाद को 554,289 मत मिले, जबकि सिंह को 499,722 मत मिले.
डिप्टी स्पीकर के पास कौन से अधिकार
डिप्टी स्पीकर के पास महत्वपूर्ण अधिकार और जिम्मेदारी वाला पद होता है. संविधान के अनुच्छेद 95 के अनुसार, डिप्टी स्पीकर अध्यक्ष की अनुपस्थिति में या पद खाली होने पर उनके कर्तव्यों का निर्वहन करता है. डिप्टी स्पीकर के पास अध्यक्ष के समान ही शक्तियां होती हैं, जो संसदीय कार्यवाही के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करती हैं. कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी और झारखंड मुक्ति मोर्चा की सांसद महुआ माझी दोनों ने एनडीए सरकार के रवैये पर अपनी नाराजगी जाहिर की है.