अयोध्यानामा : बैंक खाते में करोड़ों होने के बाद भी आखिर 28 साल तक क्यों तिरपाल में रहे रामलला

Ayodhyanama : मंदिर बनाने में 500 साल का वक्त लगा और लंबी कानूनी लड़ाई के बाद मंदिर का रास्ता साफ हो पाया है. इसके पहले राम लला को 28 साल तक तिरपाल और टेंट में रहना पड़ा था.

Pankaj Soni
Pankaj Soni

Ram Mandir :अयोध्या के राम मंदिर में 22 जनवरी को राम लला के हमेशा के लिए गद्दी पर विराजमान हो जाएंगे. मंदिर बनाने में 500 साल का वक्त लगा और लंबी कानूनी लड़ाई के बाद मंदिर का रास्ता साफ हो पाया है. इसके पहले राम लला को 28 साल तक तिरपाल और टेंट में रहना पड़ा था. रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास इस पर दुख जाहिर करते हुए कहते हैं कि उस समय बहुत कष्ट होता था जब बरसात के छींटे भगवान के आसन तक आते थे. राम लला को सप्ताह में 7 वस्त्र पहनाए जाते थे. एक बार रामनवमी को जो वस्त्र बनते थे, वही सालभर चलते थे, जबकि उन्हें रोज नए वस्त्र पहनाए जाने चाहिए. ट्रस्ट के खाते में कई करोड़ रुपये थे, लेकिन राम लला को 28 साल गंदे तिरपाल और टेंट में रहना पड़ा.  

10 साल में टेंट बदलने की व्यवस्था

रामलला का टेंट पिछले 27 वर्षों में दो बार ही बदला गया है, क्योंकि हर 10 साल के अंतराल में टेंट बदलने की व्यवस्था है. पिछली बार इसे 2015 में इसे बदला गया था. यह टेंट वॉटर और फायर प्रूफ है. इसे विशेष रासायनिक लेप के साथ रुड़की के एक संस्थान ने तैयार किया था. इस पर 12 लाख रुपये का खर्च आया था. 

सिर्फ रामनवमी पर बनते हैं कपड़े

प्रधान पुजारी के मुताबिक रामनवमी पर हर साल रामलला के लिए जाड़े और गर्मी के मौसम के अनुसार 7-7 सेटों में ड्रेस तैयार कराए जाते हैं. इन्हीं को साल भर बदल कर पहनाया जाता है. रोजाना ड्रेस की धुलाई भी नहीं की जाती है. कभी गंदी दिखने पर पुजारी लोग ही परिसर में धुल लेते हैं. 

भव्य मंदिर में विराजमान होंगे रामलला

 आचार्य सत्येंद्र दास का कहना है कि जब भगवान राम 14 वर्ष का वनवास समाप्त करके अयोध्या आये थे तो मुझे यकीन था कि कठिनाइयां ज्यादा दिन की नहीं हैं. 28 वर्षों तक राम लला तिरपाल में रहे लेकिन अब वे जब भव्य मंदिर में विराजमान होंगे तो वह दृश्य बहुत अद्भुत होगा.

राम का विरोध करने वाले सत्ता से बाहर हैं

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जब मुख्य पुजारी से पूछ गया कि राम मंदिर का श्रेय किसे देने चाहेंगे? इसके जवाब में उन्होंने कहा, 'अदालतें तो 1949 के पहले से हैं. इतने वर्षों में राम मंदिर को लेकर फैसला क्यों नहीं आया यह विचार करने वाली वजह है. तब कांग्रेस की सरकार थी तब यह क्यों नहीं हुआ? भाजपा की सरकार आई तो राम मंदिर की सुनवाई टालने की साजिश किसने की. उन्होंने कहा कि मैं कहूंगा कि जिनकी राम में आस्था है, जिन पर भगवान की कृपा है वे सत्ता में हैं और जो मन व कर्म से विरोधी थे वे बाहर हैं.

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तिरपाल के नीचे विराजमान रामलला.

 

देश और उत्तर प्रदेश में कई पार्टियों की सरकार बनी, लेकिन किसी भी सरकार की नजर अयोध्या पर नहीं गई. बीजेपी जब से सरकार में आई. प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अयोध्या पर दृष्टि बनी हुई है. उनकी वजह से आज अयोध्या बहुत तेजी से विकसित हो रही है.'

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12 January 2024, 11:20 AM IST

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