अयोध्यानामा : रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 22 जनवरी का दिन क्यों चुना गया? प्राण-प्रतिष्ठा में क्या होगा

Ayodhyanama : अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दिन उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 22 जनवरी को स्कूल कॉलेजों की छुट्टी घोषित की है. इस दिन राज्य शराब की बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा.

Pankaj Soni
Edited By: Pankaj Soni

अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर तैयारियां तेजी से चल रही हैं. मंदिर परिसर के आसपास सजावट के साथ ही पूरी अयोध्या नगरी को सजाया जा रहा है. 22 जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दिन पीएम मोदी समेत देशभर के कई गणमान्य लोग इस अनुष्ठान में शामिल होंगे. इनमें धार्मिक एवं आध्यात्मिक गुरुओं के साथ-साथ फिल्म स्टार्स, खिलाड़ी और कई बड़े कारोबारी भी शामिल होंगे.

राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 84 सेकंड का शुभ मुहूर्त निकाला गया है. जो 22 जनवरी 2024 को 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक होगा. ऐसे में कई लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर रामलला की मूर्ति स्थापित करने के लिए यही समय क्यों चुना गया है? तो आइए हम आपको इसकी वजह बताते हैं…

22 जनवरी का दिन ही क्यों चुना गया?

22 जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा के लिए चुनने के पीछे एक खास वजह है. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान राम का जन्म अभिजीत मुहूर्त, मृगशीर्ष नक्षत्र, अमृत सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग के संगम पर हुआ था. ये सारे शुभ योग 22 जनवरी 2024 को एक बार फिर से साथ होंगे. इसलिए यह अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए सबसे आदर्श दिन माना जा रहा है. 

22 जनवरी को यूपी में रहेगी छुट्टी

अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दिन उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 22 जनवरी को स्कूल कॉलेजों की छुट्टी घोषित की है. इस दिन राज्य शराब की बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा. समाचार एजेंसी ANI के अनुसार सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, ’22 जनवरी को श्रीरामलला के नवीन विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा ‘राष्ट्रीय उत्सव’ है. इस समारोह से आम जनमानस के भावनात्मक जुड़ाव को देखते हुए इस दिन प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थाओं में अवकाश रहेगा और शराब की दुकानों को बंद रखा जाएगा.’

अयोध्या में 16 जनवरी से शुरू हो जाएगा उत्सव

राम मंदिर की प्राण- प्रतिष्ठा का पूरा कार्यक्रम 16 जनवरी से शुरू होकर 22 तक चलेगा. यहां 16 जनवरी से रामलला का पूजन शुरू हो जाएगा. 17 जनवरी को श्रीविग्रह का परिसर भ्रमण कराया जाएगा और गर्भगृह का शुद्धिकरण होगा. इसके बाद 18 जनवरी से अधिवास प्रारंभ होगा, जिसमें सुबह और शाम जलाधिवास, सुगंध और गंधाधिवास किया जाएगा. इसके बाद 19 जनवरी की सुबह फल अधिवास और धान्य अधिवास होगा. फिर 20 जनवरी को सुबह पुष्प और रत्न व शाम में घृत अधिवास किया जाएगा. 21 जनवरी को सुबह शर्करा, मिष्ठान और मधु अधिवास व औषधि और शैय्या अधिवास होगा और फिर 22 जनवरी को मध्य दिवस में रामलला के विग्रह की आंखों से पट्टी हटायी जाएगी और उन्हें दर्पण दिखाया जाएगा. इसके बाद राम लला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी. 

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10 January 2024, 11:39 AM IST

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