Baba Siddique Murder Case: महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद उनको सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया. उनकी अंतिम यात्रा में बड़े-बड़े दिग्गज शामिल हुए. मुंबई पुलिस ने बाबा सिद्दीकी की हत्या मामले में 6 आरोपियों की पहचान की है, जिनमें से 3 को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि 3 अभी भी फरार हैं. पुलिस फरार आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है. जानकारी के मुताबिक, बाबा सिद्दीकी की हत्या की साजिश कथित तौर पर पटियाला जेल में रची गई थी. आइये जानें अभी तक मामले में क्या-क्या हुआ?
सूत्रों के अनुसार, लॉरेंस बिश्नोई गैंग के गुर्गों ने पटियाला जेल में बाबा सिद्दीकी की हत्या की साजिश रची थी. इस मामले में मोहम्मद जीशान अख्तर का नाम मुख्य षड्यंत्रकारी के रूप में सामने आया है, जिसने इस पूरी साजिश की योजना बनाई थी. आइये जानें घटना से जुड़े सारी जानकारी.
गुरमेल सिंह, धर्मराज कश्यप और शिव कुमार ने रविवार को बाबा सिद्दीकी पर फायरिंग की थी. इनमें से धर्मराज और गुरमेल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है जबकि जीशान, शुभम लोनकर और शिव कुमार फरार हैं. इस साजिश में प्रवीण को भी गिरफ्तार किया गया, जो शुभम का भाई है.
21 वर्षीय जीशान को 2022 में जालंधर पुलिस ने हत्या और डकैती के जुर्म में गिरफ्तार किया था. वह पटियाला जेल में बंद था, जहां उसकी मुलाकात लॉरेंस बिश्नोई गैंग के गुर्गों से हुई. उन्होंने उसे बाबा सिद्दीकी को मारने का काम सौंपा. जेल से रिहा होने के बाद जीशान ने गुरमेल सिंह से मुलाकात की और हत्या की योजना बनाई.
बाबा सिद्दीकी की हत्या को अंजाम देने के लिए हमलावरों ने चार हफ्तों तक सिद्दीकी के घर और बेटे के ऑफिस की रेकी की. उन्होंने 40 दिनों तक मुंबई में रहकर सभी तैयारियां की थीं.
इस हत्या मामले में गिरफ्तार शिव कुमार और धर्मराज कश्यप पुणे में कबाड़ी का काम करते थे. जबकि, प्रवीण लोनकर डेयरी की दुकान में काम करता था. सिद्दीकी की हत्या के बाद शुभम लोणकर की सोशल मीडिया पोस्ट में लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने इस मर्डर की जिम्मेदारी ली थी.
12 अगस्त को विजयादशमी के दिन, बांद्रा में बाबा सिद्दीकी के ऑफिस के बाहर लोगों द्वारा पटाखे छोड़े जा रहे थे. उसी समय, तीन हमलावर अचानक गाड़ी से उतरे और बाबा सिद्दीकी पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. तीन गोलियां उन्हें लगीं. उनको अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.
इस मर्डर केस में अब तक पुलिस ने 6 लोगों को आरोपी बनाया है. गुरमेल सिंह और धर्मराज कश्यप को वारदात के तुरंत बाद गिरफ्तार किया गया था. धर्मराज कश्यप ने खुद को नाबालिग बताने की कोशिश की थी लेकिन कोर्ट द्वारा किए गए बोन ओसिफिकेशन टेस्ट में उसे बालिग पाया गया. अभी अन्य लोगों की तलाश चल रही है.