बाबा सिद्दीकी मर्डर केस: पुलिस को मिली बड़ी सफलता, चौथे आरोपी की पहचान!
Baba Siddique Murder Case: बाबा सिद्दीकी हत्या केस में नया मोड़ आया है. पुलिस ने चौथे आरोपी, मोहम्मद जीशान अख्तर की पहचान कर ली है. हत्या की साजिश में सुपारी, कारोबारी प्रतिद्वंद्विता और धमकियों का भी मामला शामिल है. क्या हैं इस हत्या के पीछे की असली वजहें? जानिए पूरी कहानी!
Baba Siddique Murder Case: महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या का मामला अब एक नई दिशा में बढ़ रहा है. मुंबई पुलिस ने चौथे आरोपी की पहचान कर ली है, जिसका नाम मोहम्मद जीशान अख्तर है. इससे पहले तीन शूटरों की पहचान हो चुकी थी और अब यह स्पष्ट होता जा रहा है कि इस हत्या के पीछे एक संगठित साजिश थी.
पुलिस इस मामले की कई पहलुओं से जांच कर रही है. इसमें सुपारी लेकर हत्या, कारोबारी प्रतिद्वंद्विता और एक बस्ती के पुनर्वास परियोजना को लेकर मिली धमकियों के पहलू शामिल हैं. पुलिस के एक अधिकारी के अनुसार, सिद्दीकी की हत्या एक पूर्व नियोजित साजिश का हिस्सा हो सकती है. इससे पहले, बाबा सिद्दीकी को इस तरह की धमकियों का सामना करना पड़ा था, जो उनके राजनीतिक जीवन का एक हिस्सा था.
#UPDATE | Mumbai: Baba Siddique Murder case | The fourth accused has been identified. The name of the fourth accused is Mohammad Zeeshan Akhtar: Mumbai Police
— ANI (@ANI) October 13, 2024
बांद्रा में हत्या की वारदात
बाबा सिद्दीकी की हत्या 12 अक्टूबर की रात बांद्रा के खेर नगर में हुई. तीन लोगों ने उन्हें उनके बेटे और विधायक जीशान सिद्दीकी के दफ्तर के बाहर गोली मारी. इसके बाद उन्हें तुरंत लीलावती अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. इस घटना के बाद, पुलिस ने दो कथित हमलावरों को गिरफ्तार किया है. उनके नाम हैं हरियाणा निवासी गुरमेल बलजीत सिंह (23) और उत्तर प्रदेश निवासी धर्मराज राजेश कश्यप (19).
हत्या की गंभीरता और सिद्दीकी का महत्व
बाबा सिद्दीकी का शव रविवार को पोस्टमार्टम के लिए कूपर अस्पताल भेजा गया. एक डॉक्टर के मुताबिक, उनकी मौत संभवतः अस्पताल में भर्ती होने से पहले ही हो चुकी थी. जब उन्हें लीलावती अस्पताल लाया गया तब वह बेहोश थे. डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की कोशिश की लेकिन दो घंटे तक प्रयास करने के बाद भी वे सफल नहीं हो सके.
राजनीतिक पृष्ठभूमि और लोकप्रियता
बाबा सिद्दीकी का राजनीति में लंबा अनुभव था. वे छात्र जीवन से कांग्रेस से जुड़े रहे, लेकिन इस साल फरवरी में एनसीपी में शामिल हुए थे. उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त थी, जो उनकी राजनीतिक स्थिति को दर्शाती है. सिद्दीकी बॉलीवुड सितारों के बीच भी लोकप्रिय थे और कोविड-19 महामारी के दौरान उन्होंने कई लोगों की मदद की जिसके लिए उन्हें सराहना मिली.
बाबा सिद्दीकी की हत्या केवल एक व्यक्ति की हत्या नहीं है, बल्कि यह एक राजनीतिक संदेश भी है. पुलिस की जांच अब इस हत्या के असली कारणों को उजागर करने की कोशिश कर रही है. इस मामले में जैसे-जैसे जानकारी सामने आ रही है, यह स्पष्ट होता जा रहा है कि यह हत्या एक संगठित साजिश का हिस्सा थी. अब यह देखना है कि पुलिस इन मामलों को कैसे सुलझाती है और क्या सच्चाई उजागर होती है.