बाबा सिद्दीकी हत्या केस: हत्या के बाद राज्य की राजनीति में हड़कंप, एक आरोपी निकला नाबालिग, कोर्ट ने मांगा आधार कार्ड!

Baba Siddiqui Murder Case: बाबा सिद्दीकी हत्या केस में एक नया मोड़ आया है. एक आरोपी ने दावा किया कि वह नाबालिग है! कोर्ट ने उसकी उम्र साबित करने के लिए आधार कार्ड मांगा है. हत्या के बाद पुलिस ने दो युवकों को गिरफ्तार किया, लेकिन क्या ये सच्चाई है या कोई चालाकी जानिए इस दिलचस्प मामले की पूरी कहानी!

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Baba Siddiqui Murder Case: एनसीपी के नेता और पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या ने राज्य की राजनीति में एक बड़ा बवाल खड़ा कर दिया है. शनिवार की रात को तीन आरोपियों ने उन पर नजदीक से फायरिंग कर दी, जिससे उनकी जान चली गई. इस घटना के बाद पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की और दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. लेकिन इस मामले में अब एक और नया मोड़ आया है.

दरअसल बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में गिरफ्तार आरोपी धर्मराज कश्यप ने कोर्ट में दावा किया है कि वह नाबालिग है. जब उसे कोर्ट में पेश किया गया, तो उसने अपनी उम्र 17 साल बताई. पुलिस के अनुसार, आरोपी की उम्र 19 साल है लेकिन धर्मराज के वकील ने कोर्ट में कहा कि उसे नाबालिग माना जाना चाहिए. कोर्ट ने इस दावे की जांच के लिए आरोपी का आधार कार्ड मांगा है.

हत्याकांड की जांच में पुलिस की तेज कार्रवाई

बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए हत्यारों की पहचान की है. महज कुछ घंटों में पुलिस ने तीनों आरोपियों की कुंडली निकाली. आरोपियों में करनैल सिंह, शिवानंद और धर्मराज शामिल हैं और इनकी पहचान लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से जुड़ी बताई जा रही है.

तीसरे आरोपी की गिरफ्तारी का अभियान जारी

पुलिस को आशंका है कि तीसरा आरोपी शिवानंद राज्य से बाहर भाग गया है. उसकी आखिरी लोकेशन पनवेल में मिली है, जहां वह सीसीटीवी में कैद हो गया. उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने कई टीमों को अलग-अलग राज्यों में भेजा है, जिनमें उज्जैन, हरियाणा, यूपी और दिल्ली शामिल हैं. शिवानंद का पिछले साल एक हत्या के मामले में जेल में रहने का इतिहास भी है लेकिन जमानत मिलने के बाद वह मुंबई आ गया था.

सामाजिक दृष्टिकोण और चिंता

इस हत्याकांड ने न सिर्फ राजनीतिक हलचल पैदा की है, बल्कि समाज में भी भय का माहौल बना दिया है. लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि युवा किस दिशा में जा रहे हैं और उनके साथी क्या कर रहे हैं. इस मामले में नाबालिग होने का दावा भी एक बड़ा सवाल उठाता है कि क्या हमारी युवा पीढ़ी सही रास्ते पर चल रही है या फिर वे आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हो रहे हैं.

बाबा सिद्दीकी की हत्या का यह मामला हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि हमें अपने आसपास की गतिविधियों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है, ताकि ऐसे अपराधों को रोका जा सके. पुलिस की कार्रवाई और न्यायालय की प्रक्रिया इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं लेकिन समाज की जिम्मेदारी भी उतनी ही महत्वपूर्ण है.  First Updated : Sunday, 13 October 2024