Baba Siddiqui Murder Case: हाल ही में मुंबई में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी के हत्या के मामले में गिरफ्तार किए गए दो युवकों के परिजनों की प्रतिक्रिया सामने आई है. ये दोनों युवक उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के रहने वाले हैं और कबाड़ के काम के लिए पुणे गए थे. परिवार वालों ने कहा है कि उन्हें अपने बेटों की गतिविधियों की कोई जानकारी नहीं थी और वे घटना के बाद पुलिस के आने पर ही सब जान पाए.
गिरफ्तार हुए युवकों में 19 साल का धर्मराज कश्यप और 20 साल का शिवकुमार उर्फ शिवा गौतम शामिल हैं. दोनों कैसरगंज कोतवाली के गंडारा गांव के निवासी हैं. मिली जानकारी के अनुसार, धर्मराज अपने गांव के शिवा को पुणे ले गया था ताकि वे दोनों वहां कबाड़ का काम कर सकें. घटना के बाद से शिवा फरार है, जिसकी तलाश पुलिस कर रही है.
परिजनों का बयान: 'हमें कुछ नहीं पता था'
धर्मराज की मां कुसमा ने कहा, 'मेरा बेटा दो महीने पहले पुणे गया था. मुझे नहीं पता था कि वह वहां क्या कर रहा है. जब सुबह पुलिस आई, तब हमें पूरी बात पता चली. वो फोन भी नहीं करता था, तो हम क्या जानें.' इसी तरह, शिवा की मां सुमन ने कहा, 'शिवा होली के आठ दिन बाद गया था. वहां चार दिन बाद ही बात हुई थी. हमें बस इतना पता चला कि वह वहां काम कर रहा है.'
पुलिस की जांच में तेजी
बहराइच के इस मामले में पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की है. दोनों युवकों के घरों पर उनके परिजनों से पूछताछ की जा रही है और उनकी आपराधिक पृष्ठभूमि खंगाली जा रही है. शिवा के पिता बालकिशन को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.
सामाजिक दृष्टिकोण
इस घटना ने न केवल परिवारों को प्रभावित किया है, बल्कि पूरे गांव में चिंता का माहौल पैदा कर दिया है. लोग यह जानने के लिए बेचैन हैं कि आखिर उनके बीच से ये युवा इस तरह के गंभीर अपराध में कैसे शामिल हुआ. कबाड़ का काम करने के लिए पुणे जाने वाले इन युवकों की इस घटना ने यह सवाल उठाया है कि क्या हमें अपने बच्चों के काम और उनके दोस्तों के बारे में अधिक जागरूक रहना चाहिए.
इस प्रकार, बाबा सिद्दीकी हत्याकांड ने न सिर्फ एक परिवार को, बल्कि पूरे समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया है. यह घटना इस बात का उदाहरण है कि कभी-कभी हमारी अनजानियों का क्या परिणाम हो सकता है. First Updated : Sunday, 13 October 2024