Zeeshan joins NCP: बाबा सिद्दीकी के बेटे और पूर्व कांग्रेस विधायक जीशान सिद्दीकी ने हाल ही में कांग्रेस छोड़कर अजीत पवार की एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) में शामिल होने का फैसला किया. अजित पवार और सुनील तटकरे की मौजूदगी में उन्होंने एनसीपी का दामन थामा. बता दें कि जीशान सिद्दीकी को कांग्रेस से निकाला गया था, जिसके बाद उन्होंने एनसीपी में शामिल होने का निर्णय लिया. उनकी यह नई यात्रा राजनीतिक बदलाव का संकेत देती है.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस पार्टी को एक बड़ा झटका लगा है. बाबा सिद्दीकी के बेटे और बांद्रा ईस्ट के विधायक जीशान सिद्दीकी ने कांग्रेस का दामन छोड़ दिया है. अब वे अजीत पवार की एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) में शामिल हो गए हैं.
जीशान सिद्दीकी को अगस्त में कांग्रेस से निकाला गया था. उन पर आरोप था कि उन्होंने महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में क्रॉस वोटिंग की, हालांकि उन्होंने इस आरोप को खारिज किया था. जीशान ने इस नए कदम को अपने और अपने परिवार के लिए एक भावनात्मक पल बताया. उन्होंने कहा, 'यह मेरे लिए और मेरे परिवार के लिए एक भावनात्मक दिन है. मैं अजीत पवार, प्रफुल्ल पटेल, और सुनील तटकरे का आभारी हूं कि उन्होंने इन कठिन समय में मुझ पर विश्वास किया. मुझे बांद्रा ईस्ट से नामांकन मिला है, और मुझे विश्वास है कि लोगों के प्यार और समर्थन से मैं फिर से जीतूंगा.'
बाबा सिद्दीकी, जो एनसीपी के नेता थे, को 12 अक्टूबर को जीशान के कार्यालय के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. यह घटना दिवाली के मौके पर पटाखे फोड़ते समय हुई थी. हत्या की जिम्मेदारी बिश्नोई गैंग ने ली थी, जिसने कहा कि बाबा को सलमान खान के साथ नजदीकी संबंध के कारण निशाना बनाया गया.
बांद्रा ईस्ट सीट अब कांग्रेस के सहयोगी शिवसेना (यूबीटी) को दी गई है, जिसके तहत सीट साझा करने का समझौता किया गया है. शिवसेना ने इस सीट के लिए उद्धव ठाकरे के भतीजे वरुण सरदेसाई को उम्मीदवार बनाया है. जीशान सिद्दीकी का एनसीपी में शामिल होना और बांद्रा ईस्ट से चुनाव लड़ने का निर्णय एक महत्वपूर्ण राजनीतिक बदलाव को दर्शाता है. इस बार का चुनाव जीशान के लिए खास होगा, खासकर उनके पिता की हत्या के बाद. अब देखना होगा कि जीशान अपने नए सफर में क्या सफलता हासिल करते हैं. First Updated : Friday, 25 October 2024