Bajrang Punia: भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के चुनाव में बृज भूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह के अध्यक्ष चुने जाने के विरोध में पहलवान बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) ने अपना पद्मश्री लौटा दिया है. उन्होंने शुक्रवार को पीएम आवास के सामने फुटपाथ पर रख दिया. ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक (Sakshi Malik) ने कुश्ती छोड़ने की घोषणा की थी. इसके एक दिन बाद बजरंग पूनिया एक्स पर पोस्ट किया था कि वह पद्मश्री लौटा देंगे.
बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर पहलवानों के विरोध प्रदर्शन का हिस्सा थे. बजरंग पुनिया ने कहा, "जैसा कि मैंने पहले कहा है कि हम अपनी बेटियों और बहनों के लिए लड़ रहे थे. मैं उन्हें न्याय नहीं दिला सका. इसके कारण, मुझे लगता है कि मैं इस सम्मान के लायक नहीं हूं. मैं यहां अपना पुरस्कार लौटाने आया था, हालांकि, मेरे पास पीएम से मिलने का अपॉइंटमेंट नहीं था इसलिए मैं नहीं मिल सका. पीएम कार्यक्रम व्यस्त है. इसलिए मैं अपना पुरस्कार और पत्र रख रहा हूं. मैं यह पदक अपने घर नहीं ले जाऊंगा."
पुलिस कर्मियों ने पत्र और पद्मश्री पदक दोनों उठा लिए. पूनिया ने निराशा व्यक्त की और आरोप लगाया कि सरकार विरोध प्रदर्शन के दौरान पहलवानों से किए गए अपने वादे को निभाने में विफल रही. हम पहले ही कह चुके हैं कि बृज भूषण एक शक्तिशाली व्यक्ति हैं और उनके अधीन काम करने वाले लोग हर जगह हैं.
बजरंग पूनिया ने इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि वह डब्ल्यूएफआई चुनाव के नतीजों पर विरोध स्वरूप अपना पद्मश्री लौटा रहे हैं, जहां डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह को अध्यक्ष चुना गया था. उन्होंने एक्स पर पोस्ट में कहा, "मैं अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री को लौटा रहा हूं. कहने के लिए बस मेरा यह पत्र है. यही मेरी स्टेटमेंट है. First Updated : Friday, 22 December 2023