Bajrang Punia: बजरंग पूनिया ने लिया बड़ा फैसला; लौटाएंगे 'पद्मश्री' पुरस्कार, पीएम मोदी को लिखा पत्र
Bajrang Punia: संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के बाद अब रेसलर बजरंग पूनिया ने भी एक बड़ा कदम उठाया है. बजरंग पूनिया ने अपना 'पद्मश्री' पुरस्कार लौटाने का निर्णय लिया है. बजरंग ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके इस बात की सूचना दी है.
Bajrang Punia: भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के चुनाव में संजय सिंह (Sanjay Singh) ने आसानी से जीत दर्ज कर ली है. जो पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के करीबी रहे हैं. संजय सिंह के अध्यक्ष बनाने के बाद बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट सहित कई रेसलर नाराज हैं. ये लोग काफी समय से बृजभूषण के खिलाफ जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन कर चुके हैं. वहीं अब इसको लेकर बजरंग पूनिया ने 'पद्मश्री' पुरस्कार लौटाने का ऐलान कर दिए हैं.
संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के बाद साक्षी मलिक ने 21 दिसंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान वह भावुक हुई थी और उन्होंने संन्यास लेने का ऐलान कर दिया है. वहीं अब रेसलर बजरंग पूनिया ने भी एक बड़ा कदम उठाया है. बजरंग पूनिया ने अपना 'पद्मश्री' पुरस्कार लौटाने का निर्णय लिया है. बजरंग ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके इस बात की सूचना दी है. रेसलर ने पीएम मोदी को चिट्ठी भी लिखी और एक्स पर साझा भी किया. बजरंग पूनिया ने पोस्ट करते हुए लिखा, मैं अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री जी को वापस लौटा रहा हूँ. कहने के लिए बस मेरा यह पत्र है. यही मेरी स्टेटमेंट है.
मैं अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री जी को वापस लौटा रहा हूँ. कहने के लिए बस मेरा यह पत्र है. यही मेरी स्टेटमेंट है। 🙏🏽 pic.twitter.com/PYfA9KhUg9
— Bajrang Punia 🇮🇳 (@BajrangPunia) December 22, 2023
कब हुए थे पद्म श्री अवॉर्ड से सम्मनित
रेसलर बजरंग पूनिया को 2019 में पद्म श्री अवॉर्ड मिला था. यह भारत का चौथा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है. उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने यह पुरस्कार दिया था. उसी साल बजरंग को खेल रत्न पुरस्कार भी मिला था. 29 साल के बजरंग भारत के सबसे सफल पहलवानों में शामिल हैं. उनके नाम वर्ल्ड चैंपियनशिप में चार, एशियन गेम्स में दो, कॉमनवेल्थ गेम्स में 3 जबकि एशियन चैंपियनशिप में 8 मेडल हैं.
वहीं खुद को मिले सम्मान के बारे में बात करते हुए बजरंग ने लिखा, ''2019 में मुझे पद्मश्री से सम्मानित किया गया, खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया. जब मुझे यह सम्मान मिला तो मैं बहुत खुश हुआ. मुझे लगा कि जीवन सफल हो गया, लेकिन आज मैं इससे ज्यादा दुखी हूं और सम्मान मुझसे दूर होता जा रहा है. कुश्ती को सम्मान दिलाने का एक ही कारण है कि हमारी साथी महिला पहलवानों को अपनी सुरक्षा के लिए कुश्ती छोड़नी पड़ती है.''