उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा के बाद अब हालात शांत हो गए हैं. इस बीच, समाजवादी पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल आज संभल का दौरा करेगा. इस 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की अगुआई विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे करेंगे. इसमें लाल बिहारी यादव भी शामिल होंगे. प्रशासन ने किसी भी बाहरी शख्स के संभल आने पर रोक लगा दी है.
सपा का प्रतिनिधिमंडल वहां की स्थिति का जायजा लेगा और फिर रिपोर्ट अखिलेश यादव को सौंपेगा. फिलहाल, संभल में बाहरी लोगों के आने पर रोक है, जो 10 दिसंबर तक लागू रहेगी. सपा के नेताओं के दौरे से पहले माता प्रसाद पांडे के घर के बाहर पुलिस का कड़ा पहरा बढ़ा दिया गया है.
प्रतिनिधिमंडल में संभल के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद भी शामिल होंगे. खास बात ये है कि संभल हिंसा में पुलिस की FIR में सांसद बर्क और विधायक इकबाल महमूद के बेटे सोहेल इकबाल का नाम भी आया है. यानी जिन पर हिंसा का आरोप है, वही हिंसा की सच्चाई जानने जाएंगे. वहीं, बीजेपी नेता संगीत सोम ने संभल हिंसा के लिए समाजवादी पार्टी को जिम्मेदार ठहराया है.
विपक्षी दल लगातार प्रशासन पर सवाल उठा रहे हैं और हिंसा को लेकर सियासत भी हो रही है. कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में भी संभल हिंसा का मुद्दा उठाया गया. कांग्रेस नेताओं ने कहा कि 1991 के प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट का पालन होना चाहिए और बीजेपी पर धार्मिक तनाव बढ़ाने का आरोप लगाया.
सपा के बाद कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल भी 2 दिसंबर को संभल जाएगा. AIMIM ने भी 20 नेताओं की टीम भेजने का ऐलान किया है, जो स्थिति सामान्य होने पर संभल जाएंगे. हालांकि, संभल में धारा 163 लागू है, जिसका मतलब है कि एक साथ पांच या उससे ज्यादा लोग इकट्ठा नहीं हो सकते. बीते शुक्रवार को जुमे की नमाज के दौरान प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी, और नमाज शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई. First Updated : Saturday, 30 November 2024