30 मिनट में बेंगलुरु से चेन्नई? हाइपरलूप सिस्टम से मिलेंगी रॉकेट जैसी स्पीड!

भारत का हाइपरलूप प्रोजेक्ट अब तेजी से वास्तविकता की ओर बढ़ रहा है. रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने चेन्नई में इस प्रोजेक्ट की प्रगति का जायजा लिया, जिससे यह साफ हो गया कि बेंगलुरु और चेन्नई के बीच यात्रा का तरीका पूरी तरह से बदलने वाला है. इस हाई-टेक परिवहन प्रणाली के द्वारा, यह दूरी अब महज 30 मिनट में तय की जा सकेगी, जो वर्तमान में लगभग 6 से 7 घंटे लेती है.

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Edited By: Aprajita

Bangalore: आज के समय में हमें अपने लंबी दूरी के सफर के लिए घंटों यात्रा करनी पड़ती है, लेकिन अगर यही सफर चुटकियों में पूरा हो जाए, तो यह कितना शानदार होगा! भारत के पहले हाइपरलूप प्रोजेक्ट पर अब तेजी से काम हो रहा है, और रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने चेन्नई में इस प्रोजेक्ट की प्रगति का जायजा लिया. इस हाई-टेक ट्रांसपोर्ट सिस्टम से बेंगलुरु से चेन्नई की दूरी अब महज 30 मिनट में तय की जा सकेगी.

हाइपरलूप एक क्रांतिकारी ट्रांसपोर्ट टेक्नोलॉजी है, जिसमें कम दबाव वाले ट्यूब के अंदर कैप्सूल जैसी पॉड को चलाया जाता है. इसमें ट्रैक की बजाय पॉड को मैग्नेटिक लेविटेशन (चुंबकीय ताकत) से हवा में तैराया जाता है. इस सिस्टम में न तो कोई घर्षण होगा और न ही हवा का प्रतिरोध, जिसके कारण पॉड की रफ्तार 1,000 किलोमीटर प्रति घंटे से भी ज्यादा हो सकती है. यह एक बेहद उन्नत और तेज़ ट्रांसपोर्ट तरीका है, जो भविष्य में लंबी दूरी की यात्रा को बेहद आसान बना देगा.

IIT मद्रास का योगदान

इस टेक्नोलॉजी पर आईआईटी मद्रास लंबे समय से रिसर्च कर रहा है और अब उन्होंने इसका एक प्रोटोटाइप तैयार कर लिया है. रेलवे मंत्रालय भी इस प्रोजेक्ट में आईआईटी मद्रास का पूरा सहयोग कर रहा है. मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह प्रोजेक्ट अभी एक्सपेरिमेंटल स्टेज पर है, लेकिन भविष्य में यह ट्रांसपोर्ट की पूरी परिभाषा बदल सकता है.

इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री में बड़ा बदलाव

इस दौरे के दौरान मंत्री वैष्णव ने जेटवर्क इलेक्ट्रॉनिक्स के नए मैन्युफैक्चरिंग हब का उद्घाटन भी किया. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के रेलवे बजट में पिछले 10 सालों में भारी इजाफा हुआ है. पहले जहां यह बजट बहुत कम था, अब यह 6000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा हो चुका है. साथ ही, मंत्री ने यह भी बताया कि भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री अब तेजी से बढ़ रही है और यह देश का दूसरा सबसे बड़ा एक्सपोर्ट सेक्टर बन चुका है.

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15 March 2025, 08:00 PM IST

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