वक्फ अधिनियम बना हिंसा की चिंगारी, बांग्लादेश से जुड़ रहे तार
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधन अधिनियम के विरोध में हिंसा भड़क उठी है. इस दौरान सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया और कई लोग घायल हुए हैं. चूंकि यह जिला बांग्लादेश की सीमा से सटा है और यहां अवैध गतिविधियों का इतिहास रहा है, इसलिए हिंसा में बांग्लादेशी कट्टरपंथियों की संलिप्तता की आशंका जताई जा रही है.

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ जारी हिंसक विरोध प्रदर्शनों में हालात बिगड़ गए हैं. शमशेरगंज, धुलियान, सुती और जंगीपुर जैसे इलाकों में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया, आगजनी की गई और सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित किया गया. अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 118 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
अवैध घुसपैठ और तस्करी
मुर्शिदाबाद बांग्लादेश की सीमा से सटा हुआ संवेदनशील क्षेत्र है, जहां अवैध घुसपैठ और तस्करी की घटनाएं आम हैं. भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया है कि इस क्षेत्र में कट्टरपंथी संगठन जैसे पीएफआई, सिमी और अंसारुल बांग्ला टीम का प्रभाव बढ़ रहा है.
स्थानीय पुलिस और सुरक्षा बलों ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए विशेष बलों की तैनाती की है और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं. अधिकारियों ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और शांति बनाए रखने की अपील की है. इस हिंसा के पीछे बाहरी तत्वों की भूमिका की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि स्थानीय लोग हिंसा में शामिल हमलावरों को पहचानने में असमर्थ हैं. इससे पहले भी इस क्षेत्र में नकली मुद्रा और मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले गिरोह सक्रिय रहे हैं.
पश्चिम बंगाल विधानसभा ने वक्फ (संशोधन) विधेयक को वापस लेने का प्रस्ताव पारित किया है, जिसे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने धर्मनिरपेक्षता विरोधी और मुसलमानों के अधिकारों पर हमला बताया है. इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट होता है कि वक्फ विधेयक के खिलाफ विरोध केवल एक स्थानीय मुद्दा नहीं, बल्कि एक व्यापक राजनीतिक और सामाजिक विवाद का हिस्सा बन चुका है, जिसमें बाहरी तत्वों की भी भूमिका हो सकती है.