‘पूर्वोत्तर भारत की सुरक्षा को खतरा’, बांग्लादेश के ‘चिकन नेक’ बयान पर मुख्यमंत्री सरमा का बयान

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने उने पूर्वोत्तर भारत के सात राज्यों को 'भूमि से घिरा' और बांग्लादेश को हिंद महासागर तक पहुंच का संरक्षक बताया. सरमा ने इसे अपमानजनक और आक्रामक करार देते हुए, भारत के "चिकन नेक" गलियारे की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं जताई और कनेक्टिविटी बढ़ाने की जरूरत पर जोर डाला.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के उस विवादास्पद बयान की कड़ी निंदा की है, जिसमें उन्होंने पूर्वोत्तर भारत के सात राज्यों को ‘भूमि से घिरा हुआ’ बताते हुए बांग्लादेश को उनके लिए समुद्र तक पहुंच का संरक्षक बताया था. सरमा ने इसे आक्रामक और अपमानजनक टिप्पणी करार दिया और इसे भारत के खिलाफ एक गहरी रणनीतिक चाल के रूप में देखा. इस विवादित बयान को लेकर सरमा ने बांग्लादेश के रवैये को खतरनाक बताया और भारत के रणनीतिक हितों को ध्यान में रखते हुए इसे गंभीरता से लिया.

मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि बांग्लादेश द्वारा की गई यह टिप्पणी न केवल अपमानजनक है, बल्कि यह पूर्वोत्तर भारत के ‘चिकन नेक’ गलियारे के लिए एक स्थिर खतरा पैदा करती है. उन्होंने इस बयान को एक भड़काऊ कदम माना और देश की सुरक्षा के लिए इसे सिरे से नकारा किया. सरमा का कहना था कि बांग्लादेश का यह बयान भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने जैसा है और इससे क्षेत्रीय सुरक्षा पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है.

बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार का विवादास्पद बयान  

बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने हाल ही में अपने बयान में कहा था कि बांग्लादेश पूर्वोत्तर भारत के सात राज्यों के लिए समुद्री पहुंच का संरक्षक है क्योंकि ये राज्य भूमि से घिरे हुए हैं. यूनुस ने यह भी कहा कि बांग्लादेश हिंद महासागर का एकमात्र संरक्षक बन सकता है, जो पूर्वोत्तर भारत को समुद्र से जोड़ने के लिए एक प्रमुख मार्ग हो सकता है. इस बयान को लेकर सरमा ने कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि यह बयान ना सिर्फ आक्रामक है, बल्कि भारत के लिए एक गंभीर चुनौती भी प्रस्तुत करता है.

मुख्यमंत्री सरमा का जवाब  

सीएम सरमा ने कहा कि यूनुस का यह बयान भारत के “चिकन नेक” गलियारे की रणनीतिक स्थिति को लेकर लगातार चिंता बढ़ाने वाला है. उन्होंने जोर देकर कहा कि पूर्वोत्तर भारत को मुख्य भूमि से जोड़ने वाले कनेक्टिविटी नेटवर्क को मजबूती से विकसित करना अनिवार्य है. सरमा ने यह भी कहा कि इस क्षेत्र में मजबूत सड़क और रेलवे नेटवर्क को बढ़ावा देना समय की जरूरत है ताकि इस क्षेत्र के भौतिक अलगाव को कम किया जा सके. साथ ही, उन्होंने वैकल्पिक मार्गों को प्राथमिकता देने की बात की, ताकि इस क्षेत्र को बाहरी प्रभाव से बचाया जा सके.

सीएम सरमा भारत सरकार से अपील

सीएम सरमा ने बांग्लादेश के बयान को हल्के में लेने की बजाय इसे एक गहरी रणनीतिक चाल माना. उन्होंने कहा कि यह बयान केवल एक अकेले बयान नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक दीर्घकालिक एजेंडा हो सकता है. उन्होंने भारत सरकार से अपील की कि इस पर गहन विचार किया जाए और पूर्वोत्तर भारत की सुरक्षा और कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं.

पवन खेड़ा का भी बयान  

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी इस बयान पर अपनी राय रखी है. उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर तिक्रिया देते हुए लिखा है, 'बांग्लादेश भारत की घेराबंदी करने के लिए चीन को अपने यहां दावत दे रहा है. बांग्लादेश सरकार का यह रवैया हमारे नॉर्थ ईस्ट क्षेत्र की सुरक्षा के लिए बहुत खतरनाक है.' उन्होंने यह भी कहा कि मणिपुर में हालात गंभीर हैं और अरुणाचल में चीन पहले ही गांव बसा चुका है. उनका कहना था कि भारत की विदेश नीति इतनी कमजोर हो चुकी है कि अब बांग्लादेश भी हमारे खिलाफ गोलबंदी में जुटा है.

किसे लेना चाहिए गंभीरता से?  

यह मामला केवल बांग्लादेश और भारत के रिश्तों का नहीं है, बल्कि पूर्वोत्तर भारत की सुरक्षा और उसके विकास का भी है. सरमा ने बांग्लादेश के बयान को गहरी रणनीतिक चाल मानते हुए कहा कि इस प्रकार के बयान सीधे तौर पर भारत की सुरक्षा को प्रभावित कर सकते हैं. इसलिए, इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता और भारत को इस पर उचित रणनीतिक कदम उठाने की जरूरत है.

उचित कार्रवाई करना बेहद जरूरी

सीएम सरमा का यह बयान और उनकी प्रतिक्रिया यह दर्शाती है कि भारत के लिए पूर्वोत्तर का रणनीतिक महत्व अत्यधिक बढ़ गया है. ऐसे में, बांग्लादेश के इस तरह के बयानों को गंभीरता से लेना और उस पर उचित कार्रवाई करना बेहद जरूरी हो गया है. भारत को अपने आंतरिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी बाहरी शक्ति द्वारा इस क्षेत्र की घेराबंदी को सफल होने नहीं दिया जाए.

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01 April 2025, 12:21 PM IST

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