वायनाड में पीड़ितों को मिली राहत से बैंकों ने काटी EMI, अब एक्शन में आए मुख्यमंत्री
Kerala Wayanad News: केरल के वायनाड में 29 जुलाई को आई त्रासदी में कई लोग मारे गए. किसी का तो पूरा परिवार ही तबाह हो गया. पीड़ितों को फौरी राहत के लिए सरकार ने 10-10 हजार रुपये की मदद की. हालांकि, पीड़ितों को मिली राहत पर बैंक EMI की कटौती कर रहे हैं. इसे लेकर विरोध किया गया. इसके बाद केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन एक्शन में आ गए हैं और उन्होंने एस की आलोचना की है.
Kerala Wayanad News: पिछले दिनों केरल के वायनाड में कुदरत ने भारी तबाही मचाई. इसमें कई परिवार तबाह हो गए. लैंडस्लाइड के साथ ही तबाही में कई गांव समा गए. इस आपदा की चर्चा पूरी दुनिया में हुई. वहां से विस्थापित लोगों को बसाने और घायलों के इलाज के लिए अभी भी सरकार लगी हुई है. फौरी राहत के लिए पीड़ितों को सरकार की ओर से 10-10 हजार रुपये की मदद की गई. ये पैसे उनके खातों में भेजे गए जिससे वो अपनी अभी की जरूरतों को पूरी कर पाए. हालांकि, खाते में पैसे आते ही बैंक इसमें से EMI काटने लगे. इसकी अब मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने आलोचना की है.
वायनाड में 29 जुलाई को हुई लैंडस्लाइड की तबाही में 400 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. अभी भी 138 लोगों लापता बताए जा रहे हैं. राहुल और प्रियंका गांधी 1 अगस्त को और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 अगस्त वहां का दौरा कर चुके हैं. कांग्रेस ने तो पीड़ितों के लिए 100 घर बनाने का ऐलान भी किया है. PM मोदी ने सीएम पिनाराई विजयन के साथ समीक्षा बैठक की थी.
मुख्यमंत्री ने की आलोचना
वायनाड आपदा के मद्देनजर राहत कार्यों पर चर्चा के लिए राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक बुलाई गई. इसमें विजयन ने कहा कि बैंकों को राज्य सरकार के राहत उपायों के साथ खड़ा होना चाहिए. यह उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि राज्य उनके द्वारा माफ किए गए ऋणों को चुकाएगा. उन्होंने वायनाड भूस्खलन से प्रभावित लोगों के खातों में जमा की गई अंतरिम राहत राशि से ऋण की मासिक किस्तें काटने वाले बैंकों की आलोचना भी की है.
लोगों में फैल गया था आक्रोश
राज्य सरकार ने पीड़ितों के परिवारों को 10-10 हजार रुपए दिए थे. इसमें से चूरलमाला स्थित केरल ग्रामीण बैंक की शाखा ने उन लोगों के खातों से ईएमआई की राशि काट ली जिन्होंने लोन ले रखा था. इसके कारण वायनाड में विरोध प्रदर्शन हुए और उन लोगों में आक्रोश फैल गया जिन्होंने अपना सब कुछ खो दिया है तथा पुनर्निर्माण के लिए धन की आवश्यकता है.