5 साल के लिए तैयार रहें...यूपी, पश्चिम बंगाल और असम के विधानसभा चुनावों से पहले खरगे ने कार्यकर्ताओं में भरा जोश
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सरकार महंगाई, बेरोजगारी, आर्थिक विफलता या अमेरिकी टैरिफ पर बहस करने के लिए रात के 4 बजे तक संसद नहीं चलाती. सरकार मणिपुर पर रात के अंधेरे में बहस कराती है, क्या मणिपुर पर चर्चा केवल एक घंटे होनी चाहिए थी?" उन्होंने कहा कि बिहार में सितंबर-अक्टूबर में चुनाव होने हैं, इसलिए वहां के नेताओं को पूरी ताकत से तैयारी शुरू कर देनी चाहिए.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को पार्टी की जिला इकाई के प्रमुखों से कहा कि वे चुनावों के लिए छह महीने या एक साल के लिए नहीं बल्कि पांच साल के लिए तैयारी करें. उन्होंने कहा कि वोटर लिस्ट में हो रही छेड़छाड़ पर भी ध्यान दें. कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं से जनता के मुद्दे उठाने की अपील करते हुए खरगे ने कहा कि पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी ने पिछले लोकसभा चुनाव से पहले भारत जोड़ो यात्रा के जरिए एक मुहिम चलाई थी और उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि 'हमें फिर से ऐसी मुहिम चलानी होगी.'
बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव प्रभारी संगठन केसी वेणुगोपाल सहित अन्य लोग जिला प्रदेश कांग्रेस कमेटी (डीसीसी) अध्यक्षों की बैठक में शामिल हुए. इंदिरा गांधी भवन में आयोजित बैठक में असम, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के 302 जिला कांग्रेस अध्यक्षों ने हिस्सा लिया. इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पार्टी के राज्य इकाई प्रमुख और एआईसीसी प्रभारी भी मौजूद थे.
सरकार मुद्दों पर बात नहीं करती
खरगे ने कहा कि हमें 1947-48 की तरह लड़ना होगा, देश में सांप्रदायिकता और घृणा के खिलाफ अभियान चलाना होगा. उन्होंने डीसीसी अध्यक्षों से कहा कि वे अगले कुछ वर्षों में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए मजबूती से तैयारी करें. खरगे ने शुक्रवार को समाप्त हुए संसद के बजट सत्र के बारे में भी बात की और सरकार पर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के एजेंडे पर चलने और लोगों से जुड़े मुद्दों की अनदेखी करने का आरोप लगाया.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सरकार महंगाई, बेरोजगारी, आर्थिक विफलता या अमेरिकी टैरिफ पर बहस करने के लिए रात के 4 बजे तक संसद नहीं चलाती. सरकार मणिपुर पर रात के अंधेरे में बहस कराती है, क्या मणिपुर पर चर्चा केवल एक घंटे होनी चाहिए थी?" उन्होंने कहा कि बिहार में सितंबर-अक्टूबर में चुनाव होने हैं, इसलिए वहां के नेताओं को पूरी ताकत से तैयारी शुरू कर देनी चाहिए.
इन राज्यों में होंगे चुनाव
खरगे ने कहा कि अगले साल असम और पश्चिम बंगाल में भी विधानसभा चुनाव हैं. उसके बाद 2027 में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में चुनाव होंगे. उन्होंने कहा कि हमें इन चुनावों में पूरी तैयारी और मजबूती के साथ उतरना होगा. उन्होंने कहा कि हमें भाजपा-आरएसएस की जनविरोधी और संविधान विरोधी सोच के खिलाफ लगातार लड़ना होगा. कांग्रेस नेता ने कहा कि हम संसद के अंदर और बाहर उनके खिलाफ लड़ रहे हैं. हमें लोगों के मुद्दे उठाने होंगे."
संविधान बचाओ अभियान ने बीजेपी को रोका
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बारे में जिक्र करते हुए खरग ने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव से पहले भारत जोड़ो यात्रा के जरिए एक मुहिम चलाई थी. हमें फिर से ऐसा अभियान चलाना होगा. उनके संविधान बचाओ अभियान ने भाजपा को बहुमत हासिल करने से रोक दिया था.
इस साल महात्मा गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की शताब्दी का जिक्र करते हुए खरगे ने कहा कि पार्टी ने बेलगाम सम्मेलन में 2024-25 को 'संगठन सशक्तिकरण' वर्ष के रूप में मनाने का फैसला किया है. उन्होंने 1931 में लंदन में आयोजित गोलमेज सम्मेलन में महात्मा गांधी के शब्दों को याद किया, जब उन्होंने कहा था कि कांग्रेस लाखों भूखे और गरीब लोगों के लिए अन्य सभी हितों का बलिदान कर देगी.
हमें और मजबूती से लड़ना होगा
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि गांधीजी ने वास्तव में यह बात गांवों, देहातों, कमजोर वर्गों, बेआवाज लोगों के लिए कही थी, जिनकी आवाज कांग्रेस बनी. उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार गरीबों, दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों के अधिकारों को छीन रही है. इसलिए हमें और मजबूती से लड़ना होगा. उन्होंने कहा कि हमें चुनावों के लिए पूरे पांच साल तक तैयारी करनी होगी. अगर कोई सोचता है कि वह चुनाव से छह महीने या एक साल पहले तैयारी कर लेगा, तो यह सही नहीं है.
भाई-भाई को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा किया जा रहा
खरगे ने कहा कि कांग्रेस के विचारों और कार्यक्रमों को नीचे तक पहुंचाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कड़ी जिला अध्यक्ष है. उन्होंने कहा कि आज, बढ़ती सांप्रदायिकता और नफरत का अभियान सबसे बड़ी चुनौती है. हमारी सबसे बड़ी लड़ाई सांप्रदायिक ताकतों से है जो समाज में जहर फैलाने में लगी हैं. सत्ता के लालच में एक ही धर्म के लोगों के बीच भी खाई खोदी जा रही है और भाई-भाई को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा किया जा रहा है. हमारे पास राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और हमारे महान नेताओं द्वारा दिखाया गया रास्ता है. इसके अलावा खरगे ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया पर नजर रखी जानी चाहिए और मतदाता सूचियों से छेड़छाड़ रोकने के लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिए.
ईमानदारी और लगन से काम करें
खरगे ने कहा कि आप अपनी टीम के साथ ईमानदारी और लगन से काम करें. हम आपके साथ रहेंगे. खरगे ने भरोसा जताते हुए कहा हमें उम्मीद है कि आप सभी हमारा संदेश आगे ले जाएंगे. आप इसे जन-जन तक ले जाएंगे. आप संगठन निर्माण के काम को आगे बढ़ाएंगे. आप कांग्रेस को मजबूत बनाने के लिए काम करेंगे." बैठक के बाद पत्रकारों को जानकारी देते हुए वेणुगोपाल ने कहा कि डीसीसी अध्यक्षों के साथ बहुत ही उपयोगी और सार्थक बैठक हुई. अहमदाबाद में एआईसीसी सत्र से पहले यह तीसरी और अंतिम बैठक थी.
इन राज्यों की हुई बैठक
26 मार्च को पहली बैठक हुई, इसमें आंध्र प्रदेश, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, गोवा, मणिपुर, नागालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा, मेघालय, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, पांडिचेरी, लक्षद्वीप, तेलंगाना और अरुणाचल प्रदेश के 255 डीसीसी अध्यक्षों ने भाग लिया. 3 अप्रैल को हुई दूसरी बैठक में महाराष्ट्र, मुंबई, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब और चंडीगढ़ के 305 डीसीसी अध्यक्षों ने भाग लिया. वेणुगोपाल ने बताया कि कुल मिलाकर 862 डीसीसी अध्यक्षों ने इन बैठकों में भाग लिया. उन्होंने कहा कि चर्चा के मुख्य क्षेत्र बूथ प्रबंधन और मतदाता सत्यापन, पार्टी वैचारिक प्रशिक्षण, मीडिया और सोशल मीडिया अभियान तथा पार्टी गतिविधियों के लिए परिसंपत्ति प्रबंधन पर केंद्रित थे.