महायुति के सरकार गठन से पहले मंत्रालयों को लेकर आई बड़ी खबर, आधे से ज्यादा मंत्रालय रख सकती है बीजेपी
महाराष्ट्र में सरकार के गठन से पहले मंत्रालयों को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी आधे से ज्यादा मंत्रालय अपने पास रख सकती है, शिवसेना को 3 बड़े मंत्रालय समेत 12 मंत्री पद मिल सकते हैं, जबकि एनसीपी को 9 मंत्रालय दिए जा सकते हैं. दिल्ली में आज अमित शाह के साथ महायुति के नेताओं की बैठक होने वाली है. इसमें देंवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार शामिल होंंगे.
दिल्ली में आज शाम को महायुति के नेताओं की गृह मंत्री अमित शाह के साथ बड़ी बैठक होने वाली है. इस बीच सूत्रों से खबर आई है कि बीजेपी एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना को तीन बड़े मंत्रालयों समेत 12 मंत्री पद दे सकती है,इसमें उपमुख्यमंत्री भी शामिल है, जबकि अजित पवार की एनसीपी को 9 मंत्रालय मिल सकते हैं. वहीं, बीजेपी मुख्यमंत्री समेत 43 मंत्रालय अपने पास रख सकती है. बता दें कि अजित पवार दिल्ली में होने वाली बैठक के लिए मुंबई से रवाना हो चुके हैं.
शिंदे झुके, यूबीटी ने कसा तंज
शिवसेना नेताओं द्वारा कई दिनों तक सियासी बयानबाजी के बाद एकनाथ शिंदे ने बुधवार घोषणा की कि उनकी पार्टी महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के फैसले का समर्थन करेगी. उन्होंने कहा कि वह "बाधा" नहीं बनेंगे। एकनाथ शिंदे के बयान के बाद शिवसेना यूबीटी ने तंज कसा है. यूबीटी सांसद संजय राउत ने कहा कि शिंदे ने महायुति में अपना उद्देश्य पूरा कर लिया है और भाजपा उन्हें मुख्यमंत्री पद नहीं देगी।
देवेंद्र फडणवीस सबसे आगे
भाजपा ने अभी तक मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी पसंद की घोषणा नहीं की है, लेकिन राज्य में पार्टी के सबसे बड़े नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इस दौड़ में सबसे आगे हैं. नागपुर दक्षिण-पश्चिम के विधायक को इस चुनाव में महायुति की जीत के प्रमुख शिल्पकार में से एक माना जाता है. जब एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे से अलग होकर बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी, तब देवेंद्र फडणवीस ने हाईकमान की इच्छा के मुताबिक उपमुख्यमंत्री पद के लिए राजी हुए थे. लेकिन इस बार बीजेपी अपना मुख्यमंत्री बनाना चाहती है और इस दौड़ में सबसे आगे देवेंद्र फडणवीस चल रहे हैं.
नए मुख्यमंत्री के नाम के ऐलान से पहले दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी महासचिव विनोद तावड़े के बीच एक अहम बैठक हुई.यह मीटिंग करीब 40 मिनट तक चली. केंद्रीय नेतृत्व को महाराष्ट्र में गैर-मराठा मुख्यमंत्री बनाए जाने पर मराठा समुदाय के नाराज होने की चिंता है. इसलिए, इस बात पर चर्चा हुई कि अगर राज्य में फिर से देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो मराठा वोटों को किस तरह बरकरार रखा जाए.
23 नवंबर को आए थे नतीजे
महाराष्ट्र के चुनाव परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए गए थे, लेकिन सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने अभी तक मुख्यमंत्री पर फैसला नहीं किया है. 280 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में 132 सीटें जीतकर भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी, जबकि उसके सहयोगी एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना को 57 और अजित पवार की एनसीपी को 41 सीटें मिली हैं.